ट्विटर ने 'बीबीसी' को 'गवर्मेंट फंडेड मीडिया' बताया और उसके सारे हैंडलर्स को गोल्ड टिक जारी किया। इसके बाद 'बीबीसी' ने ट्विटर के इस बयान पर आपत्ति जताई है।
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बीबीसी ने ट्विटर की ओर से ख़ुद को सरकार पोषित बताने पर आपत्ति जताई
— BBC News Hindi (@BBCHindi) April 10, 2023
async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"> >दरअसल, ट्विटर ने कहा है कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन 'बीबीसी' (BBC) एक गवर्मेंट फंडेड मीडिया है। इसके साथ ही ट्विटर ने बीबीसी को गोल्ड टिक भी दिया। ट्विटर ने बीबीसी के वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट पर 'गवर्मेंट फंडेड मीडिया' का लेबल लगा दिया है, इसके बाद 'बीबीसी' नाराज हो गया। 'बीबीसी' ने इस पर आपत्ति जताई और टि्वटर प्रबंधन को ये लेबल फौरन हटा लेने के लिए कहा। सोशल मीडिया में भी इसे लेकर बहस जारी है।
बता दें कि ट्विटर अपने नियमों के मुताबिक नए सिरे से अकाउंट को ब्लू, ग्रे और गोल्ड टिक जारी कर रहा है। 'बीबीसी' के ट्विटर पर कई अकाउंट हैं। ऐसे में ट्विटर सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं की पहचान पर आधारित खास तरह के लेबल लगा रहा है तो 'बीबीसी' का 2.2 मिलियन फॉलोअर्स वाला अकाउंट भी उस दायरे में आ गया। ट्विटर ने 'बीबीसी' पर 'गवर्मेंट फंडेड मीडिया' यानी 'सरकारी धन से पोषित मीडिया' का लेबल लगाया है, इसके बाद 'बीबीसी' खफा हो गया है। बीबीसी ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि टि्वटर को तुरंत यह लेबल हटा लेना चाहिए, क्योंकि हम एक 'स्वतंत्र' समाचार संस्था हैं।
बता दें कि 'बीबीसी' ब्रिटेन में स्थापित की गई कंपनी है, जिसका संचालन ब्रिटिश सरकार ने भी कराया, जहां से उसे फंड मिलता था। धीरे-धीरे उसने दुनियाभर में अपने ब्रॉडकास्ट चैनल और न्यूज पोर्टल लॉन्च किए। 21वीं सदी की शुरूआत तक यह एक पॉपुलर न्यूज सर्विस हो गई। आज 'बीबीसी' दुनियाभर में कई भाषाओं में टेलीविजन कार्यक्रम, रेडियो शो, पॉडकास्ट और ब्रेकिंग न्यूज वाले पोर्टल चल रही हैं।
Edited By navin rangiyal