वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि राजनीतिक दलों के बीच कटु शत्रुता, विभिन्न सशस्त्र अलगाववादी अभियानों और भ्रष्टाचार से जुड़े कई घोटालों के बावजूद आधुनिक भारत की कहानी को कई मायनों में सफल कहा जा सकता है। उन्होंने अपनी किताब में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह की भी जमकर सराहना की।
अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति रहे ओबामा ने हाल में आई अपनी किताब में कहा है कि 1990 के दशक में भारत की अर्थव्यवस्था और अधिक बाजार आधारित हुई, जिससे भारतीयों का असाधारण उद्यमिता कौशल सामने आया और इससे विकास दर बढ़ी, तकनीकी क्षेत्र फला-फूला और मध्यमवर्ग का धीरे-धीरे विस्तार हुआ।
किताब ए प्रॉमिस्ड लैंड में ओबामा ने 2008 के चुनाव प्रचार अभियान से लेकर पहले कार्यकाल के अंत में एबटाबाद (पाकिस्तान) में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारने के अभियान तक की अपनी यात्रा का विवरण दिया है।
इस किताब के दो भाग हैं, जिनमें से पहला मंगलवार को दुनियाभर में जारी हुआ। इसमें ओबामा ने लिखा कि कई मायनों में आधुनिक भारत को एक सफल गाथा माना जा सकता है जिसने बार-बार बदलती सरकार के झटकों को झेला, राजनीतिक दलों के बीच कटु मतभेदों, विभिन्न सशस्त्र अलगाववादी अभियानों और भ्रष्टाचार के घोटालों का सामना किया।
मनमोहन को सराहा : ओबामा ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन के मुख्य शिल्पकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे और वह इस प्रगति के उपयुक्त प्रतीक की तरह हैं।
उन्होंने लिखा कि एक छोटे से, आमतौर पर सताए जाने वाले धार्मिक अल्पसंख्यक सिख समुदाय के सदस्य जो देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे। एक विनम्र टेक्नोक्रेट जिसने जीवन जीने के उच्च मानकों को लाकर और भ्रष्ट नहीं होने की प्रतिष्ठा अर्जित करके जनता का भरोसा जीता।
राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान ओबामा 2010 और 2015 में दो बार भारत आए थे। नवंबर 2010 के अपने भारत दौरे को याद करते हुए पूर्व अमेरिका राष्ट्रपति ने कहा कि उनके और मनमोहन सिंह के बीच एक गर्मजोशी भरा सकारात्मक बंधन बना था।
ओबामा ने लिखा कि सिंह उस समय भारत की अर्थव्यवस्था, सीमापार आतंकवाद तथा मुस्लिम विरोधी भावनाओं को लेकर चिंतित थे। (भाषा)