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शिकागो में विदाई भाषण में भावुक हुए ओबामा, बोले...

हमें फॉलो करें शिकागो में विदाई भाषण में भावुक हुए ओबामा, बोले...
वाशिंगटन , बुधवार, 11 जनवरी 2017 (08:12 IST)
शिकागो। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा शिकागो में अपने विदाई भाषण के दौरान भावुक हो गए। उन्होंने देश में लोकतंत्र को नस्लवाद, असमानता और नुकसानदेह राजनीतिक माहौल से खतरा बताते हुए अमेरिकियों से इसकी रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
 
 
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आखिरी बार 'यस वी कैन' कहते हुए अपने विदाई भाषण में नागरिकों से अमेरिकी मूल्यों के  प्रति खड़े रहने  और भेदभाव को नकारने का आह्वान किया।
 
ओबामा ने इस भावुक भाषण में अपने परिजनों को धन्यवाद देते हुए राष्ट्रपति पद के अपने कार्यकाल को जीवन का गौरवान्वित समय बताया। उन्होंने लोगों से देश के लिए विकास का दृष्टिकोण अपनाने तथा नवनिर्वाचित राष्ट्रपति  डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान में प्रचारित कुछ नीतियों को नकारने का भी आग्रह किया।
 
ओबामा ने शिकागो में 18000 लोगों के विशाल हुजूम के समक्ष दिए अपने भाषण में कहा कि जब हम भय के सामने झुक जाते हैं तो लोकतंत्र प्रभावित हो सकता है। इसलिए हमें नागरिकों के रूप में बाहरी आक्रमण को लेकर सतर्क रहना चाहिए। हमें अपने उन मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए जिनकी वजह से हम वर्तमान दौर में पहुंचे हैं। 55 वर्षीय ओबामा यहां अपने गृह नगर से राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे।
 
ओबामा ने अफसोस जताया कि वर्ष 2008 में देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति के रूप में उनके ऐतिहासिक चुनाव के बाद भी नस्लवाद हमारे समाज में ताकतवर और अक्सर विभाजनकारी ताकत के रूप में बरकरार है। उन्होंने स्वीकार किया कि उनके चुनाव के बाद ऐसी चर्चा थी कि अमेरिका नस्लवाद के बाद का देश होगा। इस दृष्टिकोण का इरादा तो बेहतर था लेकिन यह यथार्थवादी नहीं थी।
 
राष्ट्रपति पद पर ओबामा का कार्यकाल 20 जनवरी को समाप्त होगा और रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालेंगे। ओबामा ने आने वाले हफ्तों में ट्रंप को सत्ता का शांतिपूर्वक हस्तांतरण करने का वादा किया।
 
ट्रंप का नाम लिए बिना उन्होंने अपने भाषण में वर्ष 2016 के राष्ट्रपति चुनाव प्रचार अभियान के दौरान खास मुद्दे रहे कई विवादित विषयों का खंडन किया। इनमें मुस्लिम प्रवासियों पर अस्थायी रोक जैसे मुद्दे भी शामिल थे।

ओबामा ने कहा कि वह मुस्लिम अमेरिकियों के खिलाफ भेदभाव को खारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग भी उतने ही राष्ट्रभक्त हैं जितने हम हैं। उनकी इस टिप्पणी का लोगों ने खासा स्वागत किया। उन्होंने अपने एक और प्रेरक भाषण में कहा कि उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को ठोस कानूनी आधार प्रदान करने के लिए काम किया। 
यही वजह है कि हमने प्रताड़ना को समाप्त किया, निगरानी से जुड़े अपने कानूनों में सुधार के लिए काम किया ताकि निजता और नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा हो सके। उन्होंने कहा कि इस वजह से वह मुस्लिम अमेरिकियों के खिलाफ भेदभाव को खारिज करते हैं।
 
ओबामा ने कहा कि यही वजह है कि हम वैश्विक संघर्षों, लोकतंत्र का विस्तार, मानवाधिकार, महिलाओं के अधिकार, एलजीबीटी के अधिकार आदि से अलग नहीं हो सकते, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारे प्रयास कितने अपूर्ण हों।
 
उन्होंने अपने देशवासियों को आगाह किया कि उस समय अमेरिकी लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा होता है, जब कभी इसे हल्के में लिया गया हो।
 
ओबामा ने कहा कि हम सब को मिलकर, भले ही हम किसी भी पार्टी के हों, अपने लोकतांत्रिक संस्थानों के पुनर्निर्माण पर जोर देना चाहिए। जब विकसित लोकतंत्रों में मतदान का प्रतिशत कम हो तो हमें मतदान को कठिन नहीं बल्कि आसान बनाना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि जब हमारे संस्थानों में भरोसा कम हो तो हमें अपनी राजनीति में धन के नुकसानदेह प्रभाव को कम करना चाहिए तथा पारदर्शिता के सिद्धांत तथा लोक सेवा में नैतिकता पर बल देना चाहिए। 

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