बाथर्स्ट। टिकटॉक के लोकप्रिय स्टार इमैनुएल (एमू), जो फ्लोरिडा के नक्कल बम्प फॉर्म्स में अपने मालिक द्वारा साझा किए गए वीडियो की वजह से दुनिया की नजरों में आए, कथित तौर पर एवियन इन्फ्लूएंजा से बीमार हो गए हैं। पूरे अमेरिका और ब्रिटेन में यह बीमारी बड़े पैमाने पर पोल्ट्री फॉर्म में फैल गई है।
फॉर्म के मालिक टेलर ब्लेक ने ट्विटर पर लिखा कि जंगली बगुले एवियन इन्फ्लूएंजा को फॉर्म में ले आए जिसमें कई पक्षी मर गए। पूरे अमेरिका और ब्रिटेन में यह बीमारी बड़े पैमाने पर पोल्ट्री फॉर्म में फैल गई है। बहुत से लोग अब सवाल कर रहे हैं कि एवियन इन्फ्लूएंजा वास्तव में क्या है और इसके बारे में क्या जानने की आवश्यकता है?
एवियन इन्फ्लूएंजा क्या है? : एवियन इन्फ्लूएंजा एक वायरस के कारण होने वाली बीमारी है, जो कई प्रजातियों के पक्षियों को होती है। पक्षियों के स्वास्थ्य, उत्पादन और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर इसके संभावित प्रभाव के कारण पोल्ट्री उद्योग के लिए इसके महत्वपूर्ण परिणाम हो सकते हैं।
हालांकि एवियन इन्फ्लूएंजा आमतौर पर इंसानों को संक्रमित नहीं करता है और इसे जूनोटिक वायरस माना जाता है। इसका मतलब है कि यह संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से मनुष्यों में फैल सकता है और छिटपुट ऐसे मामले देखे गए हैं, जब पोल्ट्री में इसका प्रकोप होता है।
कुछ एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस दूसरों की तुलना में अधिक रोगजनक होते हैं। रोगजनक का अर्थ है रोग पैदा करने वाला, इसलिए यदि अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा पोल्ट्री फॉर्म में प्रवेश करता है तो बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत का कारण बन सकता है।
यह बताया गया है कि जिस फॉर्म में इमैनुएल रहता है, वहां इस बीमारी का प्रकोप चल रहा है, जो अत्यधिक संक्रामक और रोगजनक है। यह जनवरी 2022 से अमेरिका में मुर्गियों और जंगली पक्षियों को प्रभावित कर रहा है। वैसे कम रोगजनक उपभेद भी पक्षियों को अस्वस्थ कर सकते हैं और उनके कम अंडे देने का कारण बन सकते हैं।
मनुष्यों में एवियन इन्फ्लूएंजा संक्रमण हल्के ऊपरी श्वसन लक्षणों से लेकर गंभीर निमोनिया तक कई प्रकार के नैदानिक लक्षण पैदा कर सकता है। एवियन इन्फ्लूएंजा के कुछ उपभेद, जैसे अत्यधिक रोगजनक एच5एन1 और एच7एन9 मनुष्यों में गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं और कुछ मामलों में मृत्यु भी हो सकती है।
इससे पीड़ित होने पर मनुष्यों के लिए अनुशंसित मानक उपचार एंटीवायरल दवाएं हैं और यह व्यक्तिगत परिस्थितियों और लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करती हैं। घरेलू पक्षियों में, संक्रमण का सबसे संभावित कारण संक्रमित जंगली पक्षियों के संपर्क में आना है। यह जंगली पक्षी द्वारा दूषित पानी के संपर्क में आने से हो सकता है। आमतौर पर पोल्ट्री फॉर्म पर एवियन इन्फ्लूएंजा के प्रकोप का मतलब है कि इसके प्रसार को रोकने के प्रयास में बहुत से पक्षियों को मारना पड़ता है।
क्या ऑस्ट्रेलिया में कोई एवियन फ्लू है? : विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन द्वारा ऑस्ट्रेलिया को घरेलू पक्षी आबादी में एवियन इन्फ्लूएंजा से मुक्त के रूप में वर्गीकृत किया गया है। हालांकि वर्तमान में यहां जंगली पक्षियों के बीच कम रोगजनक इन्फ्लूएंजा वायरस का निम्न स्तर का परिसंचरण है।
ऑस्ट्रेलिया में इससे पहले घरेलू पोल्ट्री में कई बार कभी कम तो कभी बहुत अधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा का प्रकोप हुआ है जिसमें सबसे हाल ही में विक्टोरिया में फॉर्म्स को प्रभावित करने वाला रोग है। बीमारी को मिटाने के लिए कई पक्षियों को मार डाला गया और सभी मामलों में उन्मूलन सफल रहा। ऑस्ट्रेलिया में इन प्रकोपों का कारण बनने वाले किसी भी वायरस ने मनुष्यों में बीमारी नहीं पैदा की है। हालांकि यह महत्वपूर्ण है कि हम पोल्ट्री के साथ काम करते समय स्वच्छ प्रथाओं और जैव सुरक्षा का उपयोग करें।
वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में एच5एन1 वायरस नहीं है। जलपक्षी या मुरगाबी इस वायरस को ले जाने की सबसे अधिक संभावना वाली पक्षी प्रजाति ऑस्ट्रेलिया में प्रवास नहीं करती है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में आयात के माध्यम से रोग की शुरुआत को रोकने के लिए बहुत सख्त जैव सुरक्षा उपाय हैं, इसलिए देश में इस स्ट्रेन के आने का जोखिम बहुत कम है।
ऑस्ट्रेलिया में पोल्ट्री में एवियन इन्फ्लूएंजा के प्रकोप के जोखिम को कम करने के उद्देश्य से किए गए अधिकांश उपायों ने जंगली पक्षियों और पोल्ट्री पक्षियों के बीच संपर्क को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया है। पिछले दशक में हमने ऑस्ट्रेलिया में घरेलू प्रकोपों की संख्या में वृद्धि देखी है। पिछले शोध से पता चलता है कि यह वृद्धि पिछले 30 वर्षों में फ्री रेंज पोल्ट्री में वृद्धि से जुड़ी हो सकती है।
2019 में मैंने एक पेपर का सहलेखन किया था जिसमें बताया गया था कि कैसे हस्तक्षेप की रणनीतियां जोखिम को कम कर सकती हैं। यह देखते हुए कि 25% पारंपरिक इंडोर फॉर्म को फ्री-रेंज खेती प्रथाओं में स्थानांतरित करने से अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा प्रकोप के जोखिम में 6-7% की वृद्धि होगी। पानी को शुद्ध करने की वर्तमान प्रथाएं अत्यधिक प्रभावी हैं, जो बिना ट्रीट किए पानी की तुलना में प्रकोप के जोखिम को 25-28% तक कम करती हैं।
चारा भंडारण क्षेत्रों में जंगली पक्षियों की उपस्थिति को रोकने से जोखिम 16-19% तक कम हो सकता है जबकि संक्रमण फैलाने वाली संभावित प्रजातियों के शेड में जंगली पक्षियों की पहुंच को रोकने से प्रकोप के जोखिम को 23-25% तक कम किया जा सकता है।
ऑस्ट्रेलिया में एक बड़ा प्रकोप पोल्ट्री उद्योग के लिए बहुत नुकसानदेह होगा जिससे बड़ी संख्या में पक्षी मर जाएंगे और संभावित रूप से मनुष्यों के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं। हालांकि पोल्ट्री के लिए एवियन इन्फ्लूएंजा के टीके उपलब्ध हैं, लेकिन इन पर तभी विचार किया जाएगा, जब इसका प्रकोप व्यापक हो। पोल्ट्री फॉर्मों पर उपयुक्त जैव सुरक्षा प्रथाओं का पालन करना हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण रोकथाम उपकरण है जिससे प्रकोप से बचा जा सकता है।
Edited by: Ravindra Gupta(भाषा)