Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

आर्मीनिया-अजरबैजान के बहाने रूस और तुर्की के बीच मंडराया युद्ध का खतरा

हमें फॉलो करें आर्मीनिया-अजरबैजान के बहाने रूस और तुर्की के बीच मंडराया युद्ध का खतरा
, मंगलवार, 29 सितम्बर 2020 (12:35 IST)
काकेकस इलाके के दो देशों आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच विवादित क्षेत्र नागोरनो-काराबाख को लेकर शुरू हुआ भीषण युद्ध दूसरे दिन सोमवार को भी जारी रहा। दोनों ही देशों ने एक-दूसरे पर टैंकों, तोपों और हेलिकॉप्‍टर से घातक हमले करने का आरोप लगाया है।

इस जंग में अब तक 80 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई है और सैंकड़ों लोग घायल हैं। उधर, जैसे-जैसे यह जंग तेज होती जा रही है, वैसे-वैसे रूस और नाटो देश के तुर्की के इसमें कूदने का खतरा मंडराने लगा है।

अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि आर्मीनियाई बलों ने सोमवार सुबह टारटार शहर पर गोलाबारी शुरू कर दी। वहीं, आर्मीनिया के अधिकारियों ने कहा कि लड़ाई रातभर जारी रही और अजरबैजान ने सुबह के समय घातक हमले शुरू कर दिए। दोनों ही ओर से टैंक, तोपों, ड्रोन और फाइटर जेट से हमले किए जा हरे हैं। अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने इंटरफैक्स समाचार एजेंसी को सोमवार को बताया कि लड़ाई में आर्मीनिया के 550 से अधिक सैनिक मारे गए हैं।

इस बीच आर्मीनिया के अधिकारियों ने इस दावे को खारिज किया है। आर्मीनिया ने यह दावा भी किया कि अजरबैजान के चार हेलिकॉप्टरों को मार गिराया गया। जिस इलाके में आज सुबह लड़ाई शुरू हुई, वह अजरबैजान के तहत आता है लेकिन यहां पर 1994 से ही आर्मीनिया द्वारा समर्थित बलों का कब्जा है। इस संकट को देखते हुए अजरबैजान के कुछ क्षेत्रों में मार्शल लॉ लगाया गया है तथा कुछ प्रमुख शहरों में कर्फ्यू के आदेश भी दिए गए हैं।

इस बीच आर्मीनिया और अजरबैजान में बढ़ती जंग से रूस और तुर्की के इसमें कूदने का खतरा पैदा हो गया है। रूस जहां आर्मीनिया का समर्थन कर रहा है, वहीं अजरबैजान के साथ नाटो देश तुर्की और इजरायल है। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक आर्मेनिया और रूस में रक्षा संधि है और अगर अजरबैजान के ये हमले आर्मेनिया की सरजमीं पर होते हैं तो रूस को मोर्चा संभालने के लिए आना पड़ सकता है। उधर, आर्मेनिया ने कहा है कि उसकी जमीन पर भी कुछ हमले हुए हैं।

उधर, अजरबैजान के साथ तुर्की खड़ा है। तुर्की ने एक बयान जारी कहा है कि हम समझते हैं कि इस संकट का शांतिपूर्वक समाधान होगा लेकिन अ‍भी तक आर्मीनियाई पक्ष इसके लिए इच्‍छुक नजर नहीं आ रहा है। तुर्की ने कहा कि हम आर्मीनिया या किसी और देश के आक्रामक कार्रवाई के खिलाफ अजरबैजान की जनता के साथ आगे भी खड़े रहेंगे। माना जा रहा है कि तुर्की का इशारा रूस की ओर था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

राहतदायी खबर : Covid 19 के 75 हजार से कम नए मामले आए सामने, रिकवरी दर हुई 83.01 प्रतिशत