संयुक्त राष्ट्र। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका, ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रतिबंधों को दोबारा लगाने की गुरुवार को मांग करेगा। माना जा रहा है कि इस कदम से न सिर्फ ट्रंप प्रशासन के और अकेले पड़ने की आशंका है बल्कि इससे संयुक्त राष्ट्र की साख पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।
ईरान पर लगे प्रतिबंधों में 2015 परमाणु समझौते के बाद नरमी आई थी, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 साल पहले अमेरिका को इस समझौते से अलग कर लिया। पिछले सप्ताह ईरान के हथियार रखने पर अनिश्चितकाल के लिए पाबंदी लगाने का अमेरिका का प्रयास विफल रहा। अब अमेरिका कूटनीतिक माध्यम से अपना हित साधना चाहता है।
ट्रंप ने बुधवार को कहा कि यह 'स्नैप बैक' है। ट्रंप ने कहा कि उनके विदेश मंत्री माइक पोम्पियो गुरुवार को न्यूयॉर्क जाएंगे, जहां वे सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को अधिसूचित करेंगे कि अमेरिका परमाणु समझौते को मान्यता देने वाले परिषद के प्रस्ताव पर 'स्नैप बैक' तरीका अपना रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान के पास कभी परमाणु हथियार नहीं होंगे। 'स्नैप बैक' में समझौते में शामिल पक्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहले लगाए गए सभी प्रतिबंधों को फिर से लगाने की मांग कर सकते हैं और इस जटिल प्रक्रिया को वीटो को जरिए भी नहीं रोका जा सकता।
गौरतलब है कि ईरान पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्ताव पर शुक्रवार को हुए मतदान में अमेरिका के पक्ष में सिर्फ 1 सदस्य ने वोट किया था, रूस और चीन ने इसका विरोध किया जबकि 11 सदस्य अनुपस्थित रहे। चीन और रूस ने अमेरिका के इस कदम का विरोध किया था। (भाषा)