Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

उइगर मुसलमानों के नरसंहार के विरोध में अमेरिका ने किया था बीजिंग ओलंपिक का बहिष्कार, अब इतने देशों का मिला साथ

हमें फॉलो करें उइगर मुसलमानों के नरसंहार के विरोध में अमेरिका ने किया था बीजिंग ओलंपिक का बहिष्कार, अब इतने देशों का मिला साथ
, गुरुवार, 9 दिसंबर 2021 (16:14 IST)
टोरंटो: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि मानवाधिकार चिंताओं के कारण उनका देश भी अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया की तरह बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों का राजनयिक बहिष्कार करेगा।

कनाडा की इस घोषणा से पहले अमेरिका, आस्ट्रेलिया और ब्रिटिश सरकारों ने चीन में मानव अधिकारों के उल्लंघन को देखते हुए फरवरी में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों का राजनयिक बहिष्कार करने का फैसला किया था। चीन ने कहा है कि वह इस पर ठोस जवाबी कार्रवाई करेगा। ट्रूडो ने कहा कि उनकी सरकार इस मामले को लेकर अपने सहयोगियों के साथ बात कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘चीन सरकार द्वारा बार-बार मानवाधिकारों के उल्लंघन से हम बेहद चिंतित हैं। उन्हें आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि हम कोई राजनयिक प्रतिनिधि नहीं भेज रहे हैं।’’कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के फैसले का उनके खिलाड़ियों के खेलों में भाग लेने पर असर नहीं पड़ेगा।
webdunia

ऑस्ट्रेलिया ने बीजिंग ओलंपिक के बहिष्कार में अमेरिका का दिया साथ

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन ने कहा कि मानवाधिकारों से जुड़ी चिंताओं के कारण उनका देश भी बीजिंग शीतकालीन खेलों के राजनयिक बहिष्कार में अमेरिका का साथ देगा।

मौरिसन ने कहा कि हाल के वर्षों में चीन के साथ उनके देश के संबंध अच्छे नहीं रहे हैं और इसलिए आस्ट्रेलियाई अधिकारियों का शीतकालीन ओलंपिक के समारोहों का बहिष्कार करने पर हैरानी नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय हित में ऐसा कर रहा हूं। यह करना सही है।’’मौरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी हालांकि इन खेलों में हिस्सा लेंगे।
webdunia

ब्रिटेन सरकार ने भी किया था यह फैसला

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का कहना है कि ब्रिटेन सरकार का कोई भी मंत्री बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक में भाग नहीं लेगा और इसे ‘प्रभावी रूप से’ एक राजनयिक बहिष्कार कहा।

जॉनसन से संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में पूछा गया था कि क्या ब्रिटेन शीतकालीन ओलंपिक खेलों के राजनयिक बहिष्कार में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और लिथुआनिया के साथ शामिल होगा।

उन्होंने कहा कि वह खिलाड़ियों से संबंधित बहिष्कार के विरोध में हैं लेकिन ब्रिटेन कूटनीतिक रूप से ओलंपिक का प्रभावी रूप से बहिष्कार करेगा।
webdunia

मानवअधिकार हनन का हवाला देते हुए अमेरिका ने उठाया था सबसे पहला कदम

व्हाइट हाउस द्वारा बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक 2022 के ‘‘राजनयिक बहिष्कार’’ की घोषणा किए जाने के बाद चीन ने कड़ा विरोध दर्ज कराया और कहा कि यह ओलंपिक भावना के विपरीत है। इसने अमेरिका को ‘‘ठोस जवाबी कदम’’ की भी चेतावनी दी।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को चीन के शिनजियांग प्रांत में अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ कथित मानवाधिकार उल्लंघन का हवाला देते हुए घोषणा की कि अमेरिका बीजिंग में आयोजित होने जा रहे शीतकालीन ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार करेगा।
webdunia

उइगर मुसलमानों के खिलाफ हुए नरसंहार को चीन ने बताया था झूठ

यह एक ऐसा कदम है जो दोनों देशों के बीच पहले से ही चली आ रही तल्खी को और बढ़ाने का काम करेगा।चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने अमेरिकी घोषणा की निंदा करते हुए कहा कि शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार का आरोप वाशिंगटन द्वारा "गढ़ा गया सदी का झूठ" है।

उन्होंने कहा कि वैचारिक पूर्वाग्रह, झूठ और अफवाहों के आधार पर अमेरिका बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक को बाधित करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह उसके दुर्भावनापूर्ण इरादों को और उजागर करेगा तथा उसकी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाएगा।

झाओ ने कहा कि अमेरिकी बहिष्कार ओलंपिक चार्टर सिद्धांत के विपरीत है और चीन ठोस जवाबी कदम उठाएगा।
उन्होंने चार फरवरी से 20 फरवरी तक बीजिंग और पड़ोसी हेबेई प्रांत के नगरों में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक के लिए निमंत्रण भेजे जाने से पहले ही "राजनयिक बहिष्कार" का फैसला किए जाने पर अमेरिका की निंदा की।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

चीन के बड़े बांधों से ब्रह्मपुत्र घाटी सभ्यता को खतरा, राज्यसभा में उठा मामला