कोलंबो। श्रीलंकाई अधिकारियों ने गिरजाघरों तथा होटलों में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के मामले में सोमवार को कथित तौर पर मुस्लिम चरमपंथी समूह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 24 हो गई है। द्वीप राष्ट्र में हुए इन घातक हमलों में अभी तक 290 लोगों की जान जा चुकी है।
लिट्टे के साथ लंबे चले संघर्ष के खत्म होने के बाद करीब एक दशक से श्रीलंका में शांति कायम थी, जो इस घटना से भंग हो गई। श्रीलंका में हुए अब तक के सबसे खतरनाक हमलों में से एक है।
ये विस्फोट स्थानीय समयानुसार सुबह पौने नौ बजे के करीब ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान कोलंबो के सेंट एंथनी गिरजाघर, पश्चिमी तटीय शहर नेगोम्बो के सेंट सेबेस्टियन गिरजाघर और बट्टिकलोवा के जियोन गिरजाघर में हुए, वहीं तीन पांच सितारा होटलों- शांगरी ला, सिनामोन ग्रैंड और किंग्सबरी को भी निशाना बनाया गया। पुलिस के प्रवक्ता रुवन गुनासेकेरा ने बताया कि मामले में अभी तक कुल 24 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सरकार का हालांकि कहना है कि वह हमले शामिल संदिग्धों से जुड़ी जानकारियों को उजागर नहीं करेगी ताकि उनका प्रचार न हो। गिरफ्तार किए लोगों के बारे में जानकारी मांगने पर रक्षा मंत्री रुवन विजेवार्डीन ने पत्रकारों से कहा कि चरमपंथियों का प्रचार न करें। उन्हें शहीद बनने में मदद ना करें, वहीं पुलिस अधिकारी ने गुप्त रूप से बताया कि सभी संदिग्ध अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के हैं।
पुलिस ने बताया कि तीनों होटलों पर हमला करने के लिए जिस वैन में विस्फोटक ले जाया गया था, उसके मुस्लिम चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। हमलावर हमले की तैयारी करने के लिए जिस घर में तीन महीने तक रहे उसकी पहचान भी दक्षिण कोलंबो उपनगर पानादुरा में कर ली गई है।
इस बीच श्रीलंकाई वायु सेना ने कोलंबो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रविवार देर रात के मुख्य टर्मिनल की ओर जाने वाली सड़क से एक देशी बम बरामद किया, जिसे समय पर निष्क्रिय कर दिया गया। वायुसेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह छह फुट लंबा एक देशी पाइप बम था, जो सड़क के किनारे बरामद हुआ। उन्होंने कहा कि हमने उसे हटाकर सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया।