Ramnath Goenka win and KK Birla loss in elections: अखबार मालिकों और उद्योगपतियों के राज्यसभा में जाने के तो कई उदाहरण हैं और आगे भी मिलते रहेंगे लेकिन ऐसे उदाहरण कम ही हैं कि अखबार मालिक लोकसभा चुनाव लड़े हों।
इस मामले में 1971 के आम चुनाव को शायद हमेशा याद किया जाता रहेगा। इस बार चुनाव मैदान में दो अखबारी घरानों के मालिक भी उतरे। किस्मत ने एक का साथ दिया लेकिन एक को दगा दे गई। दोनों कोई छोटे-मोटे नाम नहीं थे।
एक थे इंडियन एक्सप्रेस समूह के मालिक रामनाथ गोयनका और दूसरे थे हिंदुस्तान टाइम्स समूह के मालिक केके बिड़ला। गोयनका अपने सत्ता प्रतिष्ठान विरोधी रुख को लेकर जाने जाते थे तो बिड़ला की छवि सत्ता समर्थक की थी।
गोयनका मध्यप्रदेश के विदिशा संसदीय क्षेत्र से जनसंघ के टिकट पर चुनाव लड़े थे। उन्होंने कांग्रेस के मणिभाई पटेल को हराया था। दूसरी ओर राजस्थान के झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े केके बिड़ला को कांग्रेस के शिवनाथ सिंह के मुकाबले करारी हार का सामना करना पड़ा था।
इस आम चुनाव में इंदिरा गांधी की लहर थी। केके बिड़ला चाहते तो कांग्रेस की उम्मीदवारी भी हासिल कर सकते थे लेकिन वे स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर क्यों लड़े और कैसे हार गए और गोयनका क्यों जीत गए? यह रहस्य आज तक रहस्य ही है।