गणतंत्र दिवस समारोह के लिए विभिन्न मेहमानों को आमंत्रित करने के लिए भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा भेजे गए निमंत्रण कार्ड के नीचे छोटे अक्षरों में एक नोट है। इस नोट को पढ़कर आश्चर्य होता है।
निमंत्रण पत्र के अंत में लिखा है, आंवला का पौधा उगाने के लिए इस कार्ड को जमीन में बोएं Sow this card to grow an Amla Plant.
क्या इसका मतलब यह है कि अगर हम इस कार्ड को जमीन में बोएंगे तो आंवला का पौधा उगेगा? हां, अगर हम थोड़े से प्रयास से इस कार्ड को लगाएंगे, तो आंवला के कुछ पौधे जरूर उगेंगे।
हालांकि इस तरह की कल्पना करना मुश्किल है, मगर हमारे देश की सरकार ने वैज्ञानिकों की इच्छा शक्ति और कर्म शक्ति के संयोजन से इस विचार को साकार करके सामूहिक आधार पर इसका उपयोग करना शुरू कर दिया है।
बीज पत्र (Seeds Paper) से गणतंत्र दिवस आमंत्रण पत्रक बनाया गया है। विभिन्न तकनीकों के उपयोग के माध्यम से कार्ड को कागज बनाकर तैयार किया गया है, जिसमें बीज होते हैं और उस पर छपाई होती है।
ये जो पेपर कार्ड बनाया है वो आमले के जो बीज होते हैं, उनसे बनाया गया है, मतलब इस पेपर को अगर हम जमीन में मिट्टी के साथ बौ देंगे और पानी देंगे तो आमले का वृक्ष होगा।
यह इनविटेशन कार्ड आयुष मंत्रालय ने वैज्ञानिको और आयुष डॉक्टरों के साथ मिलकर बनाया है। दावा तो कुछ ऐसा ही किया गया है, हालांकि यह तो प्रैक्टिकल करने के बाद ही पता चल सकेगा कि इस दावे में कितना दम है।