महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई की जयंती, जानें उनका योगदान

Webdunia
dr. vikram sarabhai : विक्रम साराभाई ने एक वाक्‍य कहा था, 'हमें अपने लक्ष्य पर कोई संशय नहीं है। हम चंद्र और उपग्रहों के अन्वेषण के क्षेत्र में विकसित देशों से होड़ का सपना नहीं देखते, किंतु राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अर्थपूर्ण भूमिका निभाने के लिए मानव समाज की कठिनाइयों के हल में अति-उन्नत तकनीक के प्रयोग में किसी से पीछे नहीं रहना चाहते।'

ऐसे महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई का भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रम की नींव रखने एवं उसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अतुलनीय योगदान है। 
 
विक्रम साराभाई का जन्‍म 12 अगस्‍त 1919 को अहमदाबाद में हुआ था। इसमें उन्‍होंने 1966 से 1971 तक पीआरएल की सेवा की थी। वे भारत को अंतरिक्ष तक पहुंचाने वाले जनक और वैज्ञानिक थे। उन्हें विज्ञान में अत्‍यधिक रूचि थी। विक्रम साराभाई के द्वारा अंतरिक्ष को लेकर दिए गए योगदान को आज तक याद किया जाता है। 
 
वे बहुत साधारण इंसान थे। जो भी उनसे मिलता था वह जरूर प्रभावित हो जाता था। विक्रम साराभाई ने मात्र 28 वर्ष की आयु में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला की स्‍थापना की थी। यह उनका पहला कदम था। वह भारतीय अंतरिक्ष के जनक के रूप में जाने जाते हैं। भारत ने अंतरिक्ष को लेकर जो भी हासिल किया उसके पीछे विक्रम साराभाई का बहुत बड़ा योगदान है। आज वैज्ञानिक कई कार्य उनके नाम से करती हैं। 
 
विक्रम साराभाई के स्‍मृति में अंतरराष्‍ट्रीय खगोल संघ ने साल 1974 में अंतरिक्ष में 'सी ऑफ सेरनिटी' पर स्थित बेसल नामक मून क्रेटर को साराभाई क्रेटर नाम दिया था। इसरो की स्‍थापना विक्रम साराभाई ने की थी, जो विज्ञान के क्षेत्र में सबसे बड़ी उपलिब्‍ध है। इसरो ने भी चंद्रयान दो लैंडर का नाम बदलकर विक्रम रखा था।  
 
डॉ. विक्रम साराभाई का उच्‍च शिक्षा में भी योगदान रहा है। अहमदाबाद में अन्‍य उद्योगपतियों के साथ मिलकर उन्‍होंने इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद की स्‍थापना की है। यह इंस्‍टीट्यूट आज देश के टॉप इंस्‍टीट्यूट में शुमार है।

इसके अलावा भी विक्रम साराभाई ने अन्‍य संस्‍थान और लैब की स्‍थापना की हैं। 
 
1. भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल), अहमदाबाद
2. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (आईआईएम), अहमदाबाद
3. कम्यूनिटी साइंस सेंटर, अहमदाबाद
4. दर्पण अकाडेमी फ़ॉर परफ़ार्मिंग आर्ट्स, अहमदाबाद 
5. विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम
6. स्पेस अप्लीकेशन्स सेंटर, अहमदाबाद 
7. फ़ास्टर ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर (एफ़बीटीआर), कल्पकम
8. वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन प्रॉजेक्ट, कोलकाता
9. इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल), हैदराबाद
10. यूरेनियम कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल), जादूगुडा, बिहार
 
विक्रम साराभाई को भारत सरकार द्वारा विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए सन् 1966 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। 30 दिसंबर 1971 को केरल/तिरुवनंतपुरम के कोवलम में ऐसे महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई का निधन हुआ था।
 
भारतीय अतंरिक्ष विज्ञान के जनक, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के संस्थापक महान वैज्ञानिक एवं पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ. विक्रम साराभाई जी की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन। 

ALSO READ: डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी: भारतीय जनसंघ के संस्थापक और महान क्रांतिकारी

ALSO READ: मुगल बादशाह अकबर की सेना को हराने वाली महान रानी दुर्गावती कौन थी?

Related News

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

चलती गाड़ी में क्यों आती है नींद? जानें इसके पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण

सर्दियों में नाखूनों के रूखेपन से बचें, अपनाएं ये 6 आसान DIY टिप्स

क्या IVF ट्रीटमेंट में नॉर्मल डिलीवरी है संभव या C - सेक्शन ही है विकल्प

कमर पर पेटीकोट के निशान से शुरू होकर कैंसर तक पहुंच सकती है यह समस्या, जानें कारण और बचाव का आसान तरीका

3 से 4 महीने के बच्चे में ये विकास हैं ज़रूरी, इनकी कमी से हो सकती हैं समस्याएं

सभी देखें

नवीनतम

नैचुरल ब्यूटी हैक्स : बंद स्किन पोर्स को खोलने के ये आसान घरेलू नुस्खे जरूर ट्राई करें

Winter Skincare : रूखे और फटते हाथों के लिए घर पर अभी ट्राई करें ये घरेलू नुस्खा

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती पर लगाएं इन चीजों का भोग, अभी नोट करें

चाहे आपका चेहरा हो या बाल, यह ट्रीटमेंट करता है घर पर ही आपके बोटोक्स का काम

डायबिटीज के लिए फायदेमंद सर्दियों की 5 हरी सब्जियां ब्लड शुगर को तेजी से कम करने में मददगार

अगला लेख
More