Veer Savarkar Jyanati 2023
नासिक के भगूर गांव में 28 मई 1883 को जन्मे विनायक दामोदर सावरकर एक स्वतंत्रता सेनानी एवं प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे। आज उनकी जयंती पर जानिए उनके जीवन से जुड़ी ये 5 खास बातें-
1. भारतीय महान क्रांतिकारी वीर सावरकर या विनायक दामोदर सावरकर (Veer Savarkar) का जन्म महाराष्ट्र के नासिक जिले के एक गांव में हुआ था। उनके पिता गांव के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में जाने जाते थे, जिनका नाम दामोदर पंत सावरकर था। वीर सावरकर के कम उम्र में ही उनकी माता राधाबाई का साया उनके सिर से उठ गया था।
2. सबसे पहले उन्होंने ही पूर्ण स्वतंत्रता को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का लक्ष्य घोषित किया और राष्ट्रध्वज तिरंगे के बीच में धर्मचक्र लगाने का सर्वप्रथम सुझाव भी वीर सावरकर ने ही दिया था, जिसे राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने मान्य किया।
3. वीर सावरकर पहले क्रांतिकारी थे जिन्होंने राष्ट्र के सर्वांगीण विकास का चिंतन किया, वे एक ऐसे प्रथम राजनीतिक बंदी थे, जिन्हें विदेशी (फ्रांस) भूमि पर बंदी बनाने के कारण हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मामला पहुंचा और बंदी जीवन समाप्त होते ही उन्होंने अस्पृश्यता आदि कुरीतियों के विरुद्ध आंदोलन शुरू किया।
4. उनकी पुस्तक 'द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस-1857 एक सनसनीखेज पुस्तक रही, जिसने ब्रिटिश राज को हिला डाला था। वे विश्व के ऐसे पहले लेखक थे जिनकी कृति 1857 का प्रथम स्वतंत्रता समर को 2-2 देशों ने प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया।
5. वीर सावरकर पहले ऐसे भारतीय विद्यार्थी थे, जिन्होंने इंग्लैंड के राजा के प्रति वफादारी की शपथ लेने से मना कर दिया था, वे पहले ऐसे भारतीय राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने सर्वप्रथम विदेशी वस्त्रों की होली जलाई। और ऐसे पहले स्नातक, जिनकी स्नातक की उपाधि को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण अंग्रेज सरकार ने वापस ले लिया। ऐसे अद्वितीय क्रांतिकारी वीर सावरकर का निधन 26 फरवरी 1966 को मुंबई में हुआ था।