7 सितंबर 1964 को नीरजा भनोट का चंडीगढ़ में जन्म हुआ था। उनका बचपन आम जन जीवन की तरह रहा। वह पिता की लाड़ली, शरारती और चुलबुली थी। लेकिन यह कोई नहीं जानता था कि नीरजा भनोट एक बहादुर लड़की भी हैं। वह दिल खोलकर जीने वाली लड़कियों में से थी। लेकिन सिर्फ 23 साल की उम्र अपना बलिदान कर हमेशा के लिए अमर हो गई। और 'हीरोइन ऑफ हाईजैक' बन गई। नीरजा भनोट का 7 सितंबर के दिन जन्म हुआ था। इस खास दिन पर नीरजा भनोट के बारे में जानते हैं 10 खास बातें -
- नीरजा का जन्म एक पंजाबी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम हरीश भनोट और मां का नाम रमा भनोट था। पिता पेशे से पत्रकार थे और मां गृहिणी थीं। अपने पिता की चहेती रही नीरजा को उनके पिता लाडो कहकर पुकारते थे। सीनियर सेकेंडरी तक की पढ़ाई नीरजा ने चंडीगढ़ से की थी। और ग्रेजुएशन मुंबई के सेंट जेवियर से ग्रेजुएशन किया था।
- पढ़ाई पूरी करने के बाद नीरजा की 1985 में बिजनेसमैन से शादी हो गई। लेकिन नीरजा जैसी लड़की को भी दहेज के लिए यातनाएं झेलना पड़ी थी। शादी के बाद वह अपने ससुराल खाड़ी में रह रही थीं। लेकिन दहेज प्रताड़ना से तंग आ कर वह दो महीने बाद ही मुंबई लौट आई। इसके बाद कभी अपने सुसराल नहीं गई। मुंबई लौटने के बाद नीरजा ने नया सफर शुरू किया। मॉडलिंग कॉन्ट्रेक्ट मिले और बाद में पैन एम एयरलाइन्स ज्वाइन कर लिया। साथ ही एंटी हाईजैकिंग का कोर्स भी किया।
- नीरजा खूबसूरत भी थी। मॉडलिंग में लक आजमाने के बाद उन्होंने करीब 22 विज्ञापनों में काम किया।
- नीरजा का मॉडलिंग करियर ऊंचाई पर था। लेकिन 1985 में पैन एएम में आवेदन के बाद हो गया। और वह फ्लाइट अटेंडेंट के तौर पर ट्रेनिंग के लिए फ्लोरिडा और मियामी भेजी गई थी।
- जन्मदिन से दो दिन पहले यानी 5 सितंबर 1986 को पैन एएम की फ्लाइट 73 में सीनियर पर्सर के तौर पर थीं। फ्लाइट मुंबई से अमेरिका जा रही थी। इसी बीच पाकिस्तान
के कराची एयरपोर्ट पर कुछ हथियारबंद लोगों ने प्लेन को हाईजैक कर लिया। फ्लाइट में करीब 360 यात्री थे और 19 क्रू मेंबर थे। सबसे सीनियर होने के नाते नीरजा के कहने पर पायलट, को-पायलट और फ्लाइट इंजीनियर कॉकपिट छोड़कर भाग गए।
-प्लेन में 4 आतंकवादी घुसे और प्लेन को हाईजैक कर एक अमेरिकी नागरिक को गोली मार दी। नीरजा से सभी नागरिकों को पासपोर्ट इकट्ठा करने के लिए कह। ताकि अमेरिकी नागरिकों को पहचान कर सकें। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि वे अपने साथी फिलिस्तीनी कैदियों को छुड़ाना चाहते थे।
- करीब 17 घंटे तक प्लेन को हाईजैक करके रखा गया था। आखिरी में नीरजा ने एमरजेंसी गेट खोल दिया जहां से कई लोग प्लेन से उतर गए थे। लेकिन जब वह 3 बच्चों को विमान से निकालने की कोशिश कर रही थी, उस दौरान आतंकवादी ने नीरजा पर बंदूक तान दी। आतंकियों से मुकाबला करते हुए नीरजा शहीद हो गईं।
- सबसे कम उम्र में सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र पाने वाली पहली भारतीय रही। नीरजा का अमेरिका की ओर से भी सम्मान किया गया था उन्हें 'जस्टिस फॉर क्राइम अवॉर्ड' से नवाजा गया था।
- नीरजा भनोट को इंडियन सिविल एविशेयन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया।
- 2016 में नीरजा की बहादुरी और बलिदान पर फिल्म भी बन चुकी है। फिल्म का नाम 'नीरजा' था। अभिनेत्री सोनम कपूर ने नीरजा भनोट का रोल प्ले किया था।