ट्रक-बस ड्राइवर नशे में दौड़ा रहे मौत के वाहन, बेगुनाहों की ले रहे जाने, मध्यप्रदेश में शराब बिक्री में उछाल बना हादसों की वजह
मध्यप्रदेश से राजस्थान तक नशे में धुत ड्राइवर कर रहे जान से खिलवाड़, जगह-जगह खुली शराब दुकानों ने बढ़ाए टुन्न चालक
इंदौर में हो रहे आए दिन हादसों में कई लोगों की जानें जा रही है। बड़ा गणपति से लेकर भेरूघाट तक हुए हादसों में अब तक कई लोगों की जानें जा चुकी हैं। सड़क पर चलने वाले आम नागरिक मौत के इन वाहनों से दहशत में हैं।
कहां से, कब कौनसा वाहन यमदूत बनकर आएगा और सड़क काम-काज के लिए जा रहे लोगों की जीवन लीला समाप्त कर देगा, ये किसी को नहीं पता। दरअसल, प्रदेश में ज्यादातर हादसे बसों और ट्रकों के पियक्कड़ ड्राइवरों की वजह से हो रहे हैं और लोगों की जानें जा रही हैं। बता दें कि पिछले पांच सालों में मध्यप्रदेश में शराब की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है।
इंदौर में नशे में धुत दौड़ाया कंटेनर : तीन दिन पहले ही नशे में धुत ड्राइवर ने इंदौर के अंतिम चौराहे से भी भीड़ वाले इलाके में कंटेनर दौड़ाया था। जब पुलिस ने पकड़ने की कोशिश की तो पॉइंट पर रखे स्टॉपर को टक्कर मार कर भाग गया। बाद में वो जिंसी से पकड़ाया। गनीमत रही कि कोई आम नागरिक उसकी चपेट में नहीं आया।
टुन्न चालक कहां-कहां : हाल ही एक सोशल मीडिया में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें सफाईकर्मियों के वाहन में बीयर और शराब की बोतल नजर आ रही थी, वीडियो पोस्ट करने वाले यूजर ने दावा किया था कि सफाईकर्मी कचरा उठाने के दौरान शराब पीने का भी लुत्फ उठा रहे हैं। कई ऑटो वाले और उपनगरीय बसों के ड्राइवर और कंडक्टर ज्यादातर नशे में नजर आते हैं।
मप्र से राजस्थान तक नशे में ड्राइवर : इसी सोमवार की रात को इंदौर से लगे भेरूघाट पर एक बस सड़क से उतरकर गिर गई थी, जिसमें 3 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। इसके पहले इंदौर के बड़ा गणपति इलाके में ट्रक ड्रायवर ने 6-7 लोगों को कुचलकर मार डाला। यहां आए दिन बसें तो लोगों को कुचल ही रही हैं। हाल ही में राजस्थान के जयपुर में इसी तरह के हुए दो हादसे हुए, जिसमें करीब 3 दर्जन लोगों की मौत हो गई। हैरान करने वाली बात है कि इन सभी हादसों में एक बात जो कॉमन है वो है ड्रायवर का शराब के नशे में होना। इंदौर में भी ट्रक ड्रायवर नशे में पाया गया था, जयपुर में भी ड्रायवर शराब पिये हुए था। दरअसल, इन सभी हादसों के पीछे नशा जिम्मेदार है। रिपोर्ट कहती है कि हाल ही के दिनों में मध्यप्रदेश में शराब की बिक्री में जबरदस्त इजाफा हुआ है
क्या कहता है ट्रैफिक विभाग : इंदौर के ट्रैफिक डीसीपी आनंद कलादगि ने वेबदुनिया को बताया कि ड्रिंक और ड्राइव के लिए शहर के 32 थानों की तरफ से अभियान चल रहा है। रोजाना 36 लोकेशन पर चेकिंग होती है। आउटर पर भी चेकिंग पॉईंट बना रखे हैं, लेकिन इसमें कई तरह के चैलेंज आते हैं। कहीं न कहीं को कोई घुस ही जाता है। पुलिस कहां-कहां रह सकती है। हालांकि पुलिस ज्यादा से ज्यादा इलाकों को कवर करने की कोशिश करती है। शहर के भीतर की अलग चुनौती है। कल ही हमने एक रात में 110 ड्रिंक एंड ड्राइव के केस पकडे। पिछले दिनों की तुलना में ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों में इजाफा हुआ है।
जगह-जगह शराब की दुकानें : कहते हैं कुछ हो न हो, लेकिन शहरों और गांवों में ज्यादा से ज्यादा दवाई की दुकानें होना चाहिए, अस्पताल होने चाहिए ताकि बीमार लोगों को कहीं भटकना न पड़े, लेकिन प्रदेश में सरकार ने ही हर शहर, गांव और कस्बों में जगह- जगह शराब की दुकानें खोल रखी हैं, जहां भीड़ का नजारा देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों में किस कदर शराब के प्रति दीवानगी है। इनमें सबसे ज्यादा संख्या हाइवे पर बसें, ट्रक और डंपर चलाने वाले ड्राइवरों की होती है, जो बगैर पिये वाहन चलाते ही नहीं।
धार्मिक नगरी में ये कैसी शराब बंदी : सरकार ने प्रदेश में स्थित धार्मिक नगरों में शराब बंदी का नियम लागू कर रखा है। लेकिन धार्मिक नगरी उज्जैन के रास्ते में ही मधुबन ढाबे से आगे शराब की दुकान है, जहां से रोजाना हजारों-लाखों की शराब बिक्री होती है। प्रदेश के इंदौर, उज्जैज, देवास और धार जैसे बड़े शहरों के बीच आवागमन में शराब की कई दुकानें मिल जाएगी। इसी तरह इंदौर और धार के बीच और खरगोन- खंडवा के रास्ते भी कई दुकानें हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने भले ही राज्य के 19 धार्मिक शहरों में शराब बिक्री पर रोक लगा दी है। लेकिन दतिया और ओरछा में चाय दुकान से लेकर रेस्टोरेंट तक शराब की बिक्री हो रही है। बच्चे भी इन शहरों में शराब बेच रहे हैं। बता दें कि ओरछा और दतिया भी धार्मिक नगरी की श्रेणी में हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि जब जगह जगह शराब की दुकाने होने से बस और ट्रक ड्रायवरों को पीने के लिए आसानी से शराब उपलब्ध हो रही है।
कैसे होश में रहेंगे लोग : राजधानी भोपाल में विदेशी शराब पीने वाले बढ़े हैं। यह जानकारी आबकारी विभाग के हाल में जारी आंकड़ों में सामने आई है। 2025-26 वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल, मई, जून) में 347 करोड़ रुपए की शराब बिकी है। पिछले साल इस अवधि में 276 करोड़ की शराब बिकी थी। हालांकि भोपाल में 49 फीसदी ने देसी शराब छोड़ी है, लेकिन अंग्रेजी पीने वालों की संख्या 54 फीसदी बढ़ी। हाल ही में एक रिपोर्ट बताती है कि मध्यप्रदेश में पिछले पांच साल में शराब की बिक्री 78 प्रतिशत बढ़ी है।