जिम्मी मगिलिगन सेन्टर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट स्व. श्री जिम्मी मगिलिगन की 8वीं पुण्यतिथि पर उनकी याद में सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर एक सप्ताह 15 से 21 अप्रैल 2019 तक के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है।
पर्यावरण विद् तथा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी श्री जिम्मी मगिलिगन द्वारा परिभाषित ज्ञान, अवधारणा तथा इस क्षेत्र में उनके दिए हुए योगदान को लोगों तक ले जाना है, ताकि लोग पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निर्धारित कर सकें। सप्ताहभर के कार्यक्रमों का विवरण निम्नलिखित है -
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सभी उम्र के लोगों की संख्या को सशक्त बनाना है। भारत के लिए सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में योगदान करने में सक्षम, जिम्मी मगिलिगन इंदौर में बरली डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट फ़ॉर रूरल वुमेन के मेनेजर रहे देश यूके को छोड़ भारत में बहाई पायनियर और 25 वर्षों तक रहे।
उन्हें की सेवाओं को मध्य भारत में सोलर किचन विकसित करने में अग्रणी के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने इस संस्थान के कैंपस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सस्टेनेबल डेवलपमेंट के मॉडल के रूप में विकसित किया। पहले सोलर किचन की स्थापना की, जिसपर जो 150 व्यक्तियों के लिए खाना बनाया जा सकता है। एक साल में 300 दिन लकड़ी और 9 गैस सिलेंडरों की बचत, हर महीने जीरो वेस्ट, लाइफस्टाइल के पानी संरक्षण, खेती की तकनीक के साथ-साथ उन्होंने झाबुआ और धार जिलों के स्कूल हॉस्टल और अनाथालय के श्रद्धानंद आश्रम में भी बड़े सौर समुदाय के रसोई घर बनाए और स्थापित किए।
उनके नेतृत्व में घरेलू उपयोग के लिए 500 से अधिक सोलर कुकर, देश के विभिन्न ग्रामीण और आदिवासी समुदायों में सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। जनक और जिम्मी ने गांव सनावदिया में घर बनाया लेकिन इसके पूरा होने से पहले उन्होंने सोलर एंड विंड पावर स्टेशन बनाया और स्थापित किया जो दिसम्बर 2010 से गांव के 50 आदिवासी परिवारों को मुफ्त बिजली की आपूर्ति कर रहा है और अब जनक उन्हें निशुल्क बिजली दे रही हैं।
21 अप्रैल 2011 को एक सड़क दुर्घटना में उनके दुखद निधन के बाद वह अपनी सेवा के लिए उनकी याद में जिम्मी मगिलिगन सेन्टर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर पूरी निशुल्क निस्वार्थ सेवा में पूरी तरह से समर्पित हैं। उन्होंने 75000 से अधिक लोगों को सतत विकास का प्रशिक्षण दिया है और हर साल वे एक पूरा सप्ताह समर्पित करती हैं।
इस वर्ष भी पूरे एक सप्ताह के लिए 15 अप्रैल 2019 से कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। पूरे सप्ताह का उद्देश्य, उनकी याद में विशेष रूप से सस्टेनेबल स्किल वाले लोगों को सशक्त बनाना है।
इस पूरे आयोजन के दौरान जिम्मी मगिलिगन सेन्टर पर सोलर कुकिंग फेस्टिवल में 100 से अधिक व्यक्ति सोलर कुक एक साथ करेंगे।15 अप्रैल को आयोजित कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सतत सौर ऊर्जा और जैविक खाद्य पदार्थों, खेती उपयोग को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम का उद्घाटन वडोदरा गुजरात स्थित विश्व प्रसिद्ध इंजीनियर दीपक गढ़िया करेंगे। इसके अलावा इंदौर की प्रमुख युवा महिलाएं सोलर इंजीनियर सुस्मिता भट्टाचार्य, सोलर शेफ अनीता मंत्री बेकर और चॉक्लेटियर रक्षिता मेहता और महू के फूड क्राफ्ट विशेषज्ञ अर्चना शुक्ला अपने स्वदेशी, बंगाली, मारवाड़ी और केक व चॉकलेट के बेकिंग का प्रदर्शन कर देंगी। जैविक खाद्य विशेषज्ञ प्रेम जोशी और रिमझिम जोशी बायोटेक्नोलॉजिस्टए नेनुआ की भाजी और मालवी कढ़ी बनाएंगे।
अन्य विशेष आकर्षण जैसे सोलर बेवरेज जैसे निम्बू का शरबत, अम्बाड़ी का शर्बत, केरी का पना आदि। सभी एक साथ सौर भोज का आनंद लेंगे। विशेष आकर्षण जैसे सोलर बेवरेज जैसे नींबू का शरबत, अम्बाड़ी का शर्बत, केरी का पान आदि। सभी एक साथ सौरभोज का आनंद लेंगे।