देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के छात्रों ने जनक पलटा मगिलिगन से होली के लिए प्राकृतिक रंग बनाने सीखे
पत्रकारिता विभाग के छात्रों ने सिखा होली के लिए आर्गेनिक रंग बनाना
पिछले 13 साल की तरह इस बार फिर पर्यावरण सेविका
जनक पलटा मगिलिगन ने गांव सनावदिया स्थित जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला के 78 छात्रों को होली उत्सव मनाने के लिए प्राकृतिक रंग बनाने का प्रशिक्ष्ण दिया। सबसे पहले उन्होंने होली उत्सव और उस प्राकृतिक रंगों से खेलने का महत्व बताया।
सभी के स्वास्थ्य और पर्यावरण बचाने के लिए सरल तरीके से घर पर ही होली के रंगों बनाने की विधि बताई। साथ ही सोलर कुकर और सोलर ड्रायर के उपयोग से सभी रंग बना कर दिखाए और सोलर एनर्जी के बारे भी जानकारी दी। यह सभी फूल उनके द्वारा उगाए गए थे। सोलर उर्जा देख सभी छात्रों को समझ आया कि प्रकृति के संरक्षण के लिए उसके दोहन को तत्काल प्रभाव से रोकना होगा।
फिर से प्रकृति की ओर लौटना होगा और त्योहारों की सस्टेनेबल संस्कृति को पुनर्स्थापित करके ही सारे जलवायु संकट से बचा सकते हैं। इसके बाद छात्रों ने पोई, टेसू और बेगनवेलिया से रंग बनाए और एक-दूसरे को ये प्राकृतिक रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं भी दी। पोई के द्वारा बनाए गए प्राकृतिक रंगों को देखकर स्टूडेंट्स उत्साहित हुए और उन्होंने इस बार होली पर प्राकृतिक रंग बनाने और इस्तेमाल करने का प्रण लिया।
समूह के समन्वयक लखन रघवंशी ने कहा 'जनक दीदी के हर कदम पर प्राणियों में सदभावना को समर्पित हैं, स्वच्छता अभियान में शहर को प्लास्टिक व क्चरामुक्त करना, सोलर कुकर के उपयोग से प्राकृतिक रंग बनाना धरती मां की जय करती है! हम सभी आपको आभार देते हैं।