इंदौर (मध्यप्रदेश)। इंदौर के एक मंदिर में हुए भीषण हादसे में मृत 36 श्रद्धालुओं में से 8 के नेत्रदान के बाद सफल कॉर्निया प्रत्यारोपण से 5 जरूरतमंद मरीजों की जिंदगी का अंधियारा मिट गया है। इन 5 मरीजों में 38, 52, 55, 60 और 80 वर्षीय व्यक्ति शामिल हैं।ये लोग किसी गंभीर बीमारी या अधिक उम्र संबंधी समस्याओं के चलते अपनी आंखों की रोशनी खो चुके थे।
शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) की एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।एमवायएच की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. श्वेता वालिया ने बताया, मंदिर हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं के नेत्रदान से हमारे नेत्र बैंक को 6 कॉर्निया मिले। इनसे हमने 5 जरूरतमंद मरीजों का नेत्र प्रत्यारोपण ऑपरेशन किया। जल्द ही एक और मरीज का नेत्र प्रत्यारोपण ऑपरेशन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सफल नेत्र प्रत्यारोपण के बाद सभी 5 मरीज अच्छी तरह देख पा रहे हैं। मरीजों में 38, 52, 55, 60 और 80 वर्षीय व्यक्ति शामिल हैं। वालिया ने बताया कि ये लोग किसी गंभीर बीमारी या अधिक उम्र संबंधी समस्याओं के चलते अपनी आंखों की रोशनी खो चुके थे।
उन्होंने कहा, हम उन परिवारों के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने भीषण हादसे से पैदा बेहद मुश्किल हालात के बावजूद अपने दिवंगत स्वजनों का नेत्रदान किया और जरूरतमंद मरीजों के जीवन में नई रोशनी लाने के बारे में सोचा।
अधिकारियों ने बताया कि 30 मार्च को रामनवमी पर पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हुए हादसे में 36 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी और इनमें से आठ लोगों के परिवारों ने मानवता की नजीर पेश करते हुए उनके दिवंगत स्वजनों का नेत्रदान किया था।
मृतकों में भूमिका खानचंदानी (32) भी शामिल थीं और उनका परिवार अपने दु:ख से ऊपर उठते हुए उनके नेत्रदान के लिए खुद आगे आया। भूमिका के पति उमेश खानचंदानी शहर में दवा की एक दुकान चलाते हैं।
उन्होंने बताया, मैंने और मेरी पत्नी ने पहले से तय कर रखा था कि हम दोनों में से किसी भी व्यक्ति की पहले मौत होगी, तो हम उसका कोई अंग दान करेंगे। मेरी पत्नी भी यही चाहती थी कि उसकी मौत के बाद उसका अंगदान किया जाए।(सांकेतिक फोटो )
Edited By : Chetan Gour (भाषा)