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कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए जरूरी :जनक पलटा मगिलिगन और घनश्याम लुखी

ओरिएण्टल यूनिवर्सिटी में स्वर्गीय जिम्मी मगिलिगन की याद में कार्बन उत्सर्जन पर चर्चा

हमें फॉलो करें Janak palta mcgilligan

WD Feature Desk

, शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024 (18:50 IST)
Janak palta mcgilligan
ओरिएण्टल यूनिवर्सिटी में स्वर्गीय जिम्मी मगिलिगन की याद के सप्ताह में उनकी पत्नी पद्मश्री जनक पलटा मगिलिगन ने कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए सस्टेनेबल जीवन शैली पर बोलते हुए कहा कि 'फोटोवोल्टिक पेनल्स का अत्यधिक उपयोग पर्यावरण के अनुकूल नहीं है क्योंकि ये पैनल सिलिकॉन से बने होते हैं। सिलिकॉन कार्बन है, ये पैनल, बैटरी, इनवर्टर का जीवन सीमित है।

बैटरी वाली सभी छोटी बड़ी गाड़ी उसके समय समाप्ति के बाद उन्हें जहा डंप किया जाएगा वो धरती और प्रयवार्ण के लिए विस्फोटक होगा। इस लिए ज्यादा से ज्यादा सोलर थर्मल कुकिंग सिस्टम्स से सामुदायिक खाना, खाद्य बनाने वाले प्रौद्योगिकियों, अस्पतालों, छात्रावासों, स्कूलों, आंगनबाड़ियों, मंदिरों में प्रसाद बनाने विशेष रूप से लगाकर कार्बन उत्सर्जन कम किया जा सकता है जो पूर्णतय  कार्बनमुक्त है।'
 
इंदौर में बरली इंस्टिट्यूट संस्थापक निदेशक के रूप में, उन्होंने घरेलू बॉक्स कुकर/पैराबॉलिक कुकर का सफलतापूर्वक बनाया गया। पहला सोलर शेफ़लर कम्युनिटी किचन 1997 में बनाया गया। 500 आदिवासी गांव में लडकियां सोलर पैराबॉलिक कुकर ले गई और जंगल बचाए, कार्बन उत्सर्जन कम किया, धुए से बचीं, आजीविका कर सशक्त हो गईं।
 
मध्य प्रदेश के इंदौर और जनजातीय क्षेत्र के स्कूलों में शेफ़लर थर्मल डिश के साथ सोलर कम्युनिटी किचन बनाए। लोगों को इसका उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया, लेकिन उनकी क्षमता 100 से 500 लोगों के लिए खाना पकाने की थी। अभी भी गांव में घर में ऐसा एक आदर्श उपयोग में है। सनावदिया परिसर रासय्न्मुक्त, कार्बोंमुक्त आत्मनिर्भर, मानव और पर्यावरण की भलाई के लिए फार्म में विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे और बगीचे की फसलें शामिल हैं। जैव विविधता, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य के साथ गाय, कुता, मोर, गिलहरी, कोयल, तोते, तितलियों और बिल्ली के बच्चे के लिए एक सुरक्षित, स्वागत योग्य वातावरण प्रदान करते हैं। 
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यहां हमारी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने वाले विभिन्न प्रकार के फलों, सब्जियों और औषधीय पौधों का उत्पादन करने वाले विशाल किचन गार्डन में जैव विविधता को भी बढ़ावा दिया जाता है। केवल आधा एकड़ भूमि सारे भोजन का स्रोत है। जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर रेनवाटर सिस्टम्स से फसलों की सिंचाई और भूमिगत जलभृत को रिचार्ज किया जाता है। कृषि कॉलेज की लड़कियां कार्बन मुक्त खेती सीखती हैं।

उन्हें भूमि की देखभाल करने, अंतरफसल और फसल चक्र जैसी जैविक कृषि प्रथाओं का महत्व सिखाया जाता है। साथ ही केंचुए का उपयोग करके वर्मीकल्चर के साथ-साथ सब्जियों और फलों के छिलके के अपशिष्ट के साथ खाद तैयार करने के लिए खाद तैयार करना सिखाया जाता है। वे सीखते हैं कि कम पानी और पुनर्चक्रित पानी से फसलें कैसे उगाई जाती हैं। अपने पौधों की नर्सरी कैसे बनाई जाती है। सब्जियों और मसालों को कैसे उगाया और संग्रहीत किया जाता है।
 
तापी फ्रूट प्रोसेसिंग लिमिटेड एनएसई एसएमई ई मर्ज सार्वजनिक सूचीबद्ध कंपनी के सी एम डी घनश्याम लुखी ने कहा " कंपनी 2006 से फलों के प्रसंस्करण और खाना पकाने के लिए सौर भाप का उपयोग करने में लगी हुई है। यह भारत की पहली सौर खाद्य प्रसंस्करण कंपनी है जो फलों के जैम, जेली, फलों की कैंडी, सॉस और सिरप के व्यावसायिक उत्पादन के लिए सोलर थर्मल  ऊर्जा का उपयोग करती है। 
 
ओरिएंटल यूनिवर्सिटी के छात्रों के बीच अपनी एंटरप्रेन्योरशिप यात्रा बताई और एक सफल एंटरप्रेन्योर बनने के अपने 25 साल के अनुभव को साझा किया। उन्होंने कड़ी मेहनत, ईमानदारी, राष्ट्र प्रथम, समाज को वापस लौटाने, प्रकृति की सुरक्षा के साथ-साथ समाज और राष्ट्र के विकास के लिए अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने जैसे मूल मूल्यों पर ध्यान केंद्रित किया। 
 
उन्होंने जॉब सीकर के बजाय जॉब क्रिएटर बनने पर जोर दिया। कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है और कभी भी हार न मानने की मानसिकता रखें। उन्होंने यह भी बताया कि जीवन का विज़न मिशन और लक्ष्य कैसे निर्धारित करें और हम व्यक्तिगत जीवन के साथ-साथ लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए अपने ज्ञान और अनुभव का उपयोग कैसे कर सकते हैं।' ओरिएंटल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. सुनील सोमानी ने दोनों वक्ताओं को सभी छात्रों और फेकलटीस को विश्व को कार्बनमुक्त करने के लिए सस्टेनेबल जीवन शैली को प्रार्थमिकता देने के लिय प्रेरित करने के लिए आभार दिया।

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