इंदौर (मध्यप्रदेश)। भ्रष्टाचार रोकने के लिए राज्य में बनाए गए विशेष कानून के तहत सोमवार को यहां की एक अदालत ने एक दिवंगत सरकारी अधिकारी के परिवार की 2.69 करोड़ रुपए मूल्य की बेहिसाब संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया। यह मिल्कियत अधिकारी की मौत से पहले लोकायुक्त पुलिस के वर्ष 2011 में मारे गए छापों के दौरान सामने आई थी।
विशेष न्यायाधीश आलोक मिश्रा ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) के दिवंगत अधीक्षण अभियंता महेंद्र कुमार जैन के पारिवारिक सदस्यों की दो करोड़ 69 लाख 43 हजार 233 रुपए मूल्य की चल-अचल संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया। अदालत ने 'मध्य प्रदेश विशेष न्यायालय अधिनियम 2011' के तहत यह फैसला सुनाया।
विशेष लोक अभियोजक महेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने फैसले के हवाले से बताया कि अदालत ने जिन संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया, वे जैन और उनके पारिवारिक सदस्यों के नाम से खरीदी गई थीं।
उन्होंने बताया कि इनमें इंदौर में तीन मकान तथा शहर के एक गोदाम में रखीं 52.11 लाख रुपए की दवाएं, सागर जिले के मकरोनिया कस्बे में एक भवन, अलग-अलग बैंकों में 7.33 लाख रुपए की सावधि जमा (एफडी) योजनाएं, करीब 12.43 लाख रुपए की बीमा योजनाएं और चार पहियों वाली एक गाड़ी शामिल हैं।
चतुर्वेदी ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार से बेहिसाब संपत्ति बनाने की शिकायत को लेकर जैन के ठिकानों पर नौ अगस्त 2011 को छापे मारे थे। तब जैन इंदौर में आरईएस के अधीक्षण अभियंता के रूप में पदस्थ थे और वर्ष 2017 में बीमारी की वजह से मौत हो गई थी।(भाषा)