इंदौर। राजपूत संगठन करणी सेना को फिल्म 'पद्मावत' का विशेष शो दिखाए जाने के बाद संजय लीला भंसाली के इस विवादास्पद शाहकार की बुधवार को यहां प्रस्तावित रिलीज टल गई। फिल्म देखने के बावजूद करणी सेना अपने इस आरोप पर अड़ी है कि इसमें इतिहास से छेड़छाड़ की गई है।
फिल्म वितरकों के संगठन सेंट्रल सर्किट सिने एसोसिएशन के निदेशक ओपी गोयल ने कहा, इंदौर में आज पद्मावत की रिलीज टाल दी गई है। फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता कि इसे स्थानीय स्तर पर कब रिलीज किया जाएगा।
उन्होंने इस सवाल का कोई विशिष्ट जवाब नहीं दिया कि सिनेमाघर संचालकों ने पद्मावत की आज प्रस्तावित रिलीज से कदम पीछे क्यों खींच लिए। गोयल ने कहा, इंदौर में पद्मावत की रिलीज का मामला फिलहाल स्थगित हो गया है।
फिल्म उद्योग के नुमाइंदों ने शहर के एक सिनेमाघर में करणी सेना के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए कल रात एक विशेष शो आयोजित किया। शो के दौरान दर्शकों ने फिल्म के कुछ दृश्यों पर खुश होकर ताली बजाई। बहरहाल पद्मावत देखने के बाद करणी सेना के प्रदेश प्रभारी रघु परमार ने कहा, इस फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है। फिल्म में चित्तौड़ के राजा रतन सिंह का किरदार (अलाउद्दीन खिलजी के मुकाबले) काफी कमजोर दिखाया गया है, जबकि इन राजपूत शासक का व्यक्तित्व काफी शक्तिशाली था।
उन्होंने कहा, फिल्म में दिखाया गया है कि रानी पद्मावती अपने पति को खिलजी की कैद से छुड़ाने दिल्ली गई थीं, जबकि इतिहास में इस घटना का कोई जिक्र नहीं है। परमार ने कहा, हम भंसाली को चेतावनी देते हैं कि वे इतिहास से छेड़छाड़ कर फिल्में बनाना बंद करें।
पद्मावत देश के अन्य राज्यों में 25 जनवरी को ही परदे पर उतर चुकी है। मध्यप्रदेश सरकार ने सिनेमा उद्योग को भरोसा दिलाया है कि सूबे में इस फिल्म के प्रदर्शन के दौरान पर्याप्त पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। इसके बावजूद राज्य के प्रमुख केंद्रों में इसे अब तक परदे पर नहीं उतारा गया है।
सिनेमा उद्योग के जानकारों का कहना है कि अक्षय कुमार की प्रमुख भूमिका वाली पैडमैन कल नौ फरवरी को परदे पर उतरने जा रही है, इस कारण भी स्थानीय स्तर पर पद्मावत की कारोबारी मुश्किलें बढ़ गई हैं।