भारत में 70 प्रतिशत लोग जीमेल अकाउंट संचालित करने के लिए न्यूनतम आयु तक नहीं जानते। यह बात प्रो. रावल ने अपने 228वें सत्र के दौरान यूनिवर्सिटी व कॉलेज प्रोफेसरों से कही।
सेज यूनिवर्सिटी इंदौर के इंस्टिट्यूट ऑफ साइंसेस में एचओडी डॉ. जागृति सिंघल के मार्गदर्शन में 'साइबर ट्रुथ फॉर द यूथ' विषय पर एक एक्सपर्ट टॉक का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर साइबर सिक्यूरिटी विशेषज्ञ प्रो. गौरव रावल ने विद्यार्थियों व यूनिवर्सिटी प्रोफेसरों को साइबर अपराध के विभिन्न कारणों और रोकथाम के बारे में बताया।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा और गोपनीयता के पहलुओं के बारे में बताया। साथ ही ऑनलाइन लेनदेन फ़िशिंग और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000/2008 तथा साइबर अपराध से प्रभावी ढंग से निपटने में भारतीय कानून एजेंसियों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बहुत गहराई से बताया।
उन्होंने साइबर अपराध में नवीनतम तरीकों जैसे सेक्सटॉर्शन, साइबरस्टॉकिंग, साइबरबुलिंग एवं फोटो मार्फिंग और आईपीसी के तहत क्रमशः 354, सी, डी और 509, 507 पर भी व्यापक रूप से चर्चा की।
इसके बाद प्रो. गौरव रावल ने छात्रों व प्रोफेसरों से अनुरोध किया कि कृपया अपने सोशल नेटवर्किंग प्रोफाइल (जैसे फेसबुक, ट्विटर, आदि) निजी पर सेट हैं। बार-बार अंतराल के भीतर सुरक्षा सेटिंग्स की जांच करें। उन्होंने कहा कि हम किस तरह की जानकारी ऑनलाइन पोस्ट और सर्च के बारे में अधिक सावधान रहें।
उन्होंने यह भी बताया कि गूगल पर नकली टैक सपोर्ट से सावधान रहें। ऐसे में व्हाट्सऐप बंद होने पर भी आपका माइक्रोफोन वह कैमरे को एक्सेस कर सकता है। हाल ही में प्रकाशित कुछ रिपोर्टों से पता चला है कि व्हाट्सऐप वह इंटरनेट बंद होने पर भी आपके मोबाइल का माइक्रोफोन एक्सेस किया जा सकता है और आपकी सारी गोपनीय बातें सुनी जा सकती हैं।
प्रोफेसर गौरव रावल ने बताया कि किसी भी तरह के साइबर ठगी होने पर तुरंत स्थानीय पुलिस को इसकी रिपोर्ट करें या www.cybercrime.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन रिपोर्ट करें। इसके बाद छात्रों के प्रश्नों का समाधान किया गया।