इंदौर। कांग्रेस एक बार फिर भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने में नाकाम रही। भाजपा ने बहुमत हासिल करने के साथ ही मेयर पद को भी हासिल किया। भाजपा के पुष्यमित्र भार्गव ने कांग्रेस के विधायक और कद्दावर नेता संजय शुक्ला को 1 लाख 32 हजार से ज्यादा वोटों से हराया।
राजनीतिक गलियारों में पुष्यमित्र को कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी संजय शुक्ला को कड़ी टक्कर मिलने की संभावना जताई जा रही थी। चुनाव की तारीख होने के बाद तक भाजपा में महापौर प्रत्याशी को लेकर मंथन चलता रहा। हालांकि आखिर में इंदौर के सभी बड़े नेता पुष्यमित्र के नाम पर सहमत हुए। इसके साथ ही भाजपा ने शहर के 68 वार्डों में जीत हासिल की।
हालांकि संजय शुक्ला ने इस चुनाव से शहर में बिखरी कांग्रेस को एक दिया। खेमों में बंटे कांग्रेसी नेता संजय शुक्ला की जीत के लिए मेहनत करते नजर आए, जिसका असर विधानसभा चुनावों में दिखाई दे सकता है। संजय शुक्ला के पक्ष में एक बात यह है कि उनके नाम की घोषणा काफी पहले हो गई थी, जबकि पुष्यमित्र भार्गव को बहुत कम वक्त मिला।
संजय शुक्ला ने जहां प्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं से मिले, वहीं भार्गव कम वक्त होने के कारण ऐसा नहीं कर पाए। ज्यादातर समय वे वाहन से चुनाव प्रचार करते नजर आए। हालांकि प्रचार में पुष्यमित्र के साथ विधानसभा के लोकप्रिय नेता साथ रहे।