एकला चलो रे...

Webdunia
- रवीन्द्रनाथ ठाकु र

ND
यदि तोर डाक शुने केऊ न आसे
तबे एकला चलो रे।

एकला चल ो, एकला चल ो, एकला चलो रे!
यदि केऊ कथा ना को य, ओर े, ओर े, ओ अभाग ा,
यदि सबाई थाके मुख फिरा य, सबाई करे भय-
तबे परान खुले
ओ, तुई मुख फूटे तोर मनेर कथा एकला बोलो रे!

यदि सबाई फिरे जा य, ओर े, ओर े, ओ अभाग ा,
यदि गहन पथे जाबार काले केऊ फिरे न जाय-
तबे पथेर काँटा
ओ, तुई रक्तमाला चरन तले एकला दलो रे!

यदि आलो ना घर े, ओर े, ओर े, ओ अभागा-
यदि झड़ बादले आधार राते दुयार देय धरे-
तबे वज्रानले
आपुन बुकेर पांजर जालियेनिये एकला जलो रे!

Show comments

पार्टनर के लिए 20 बेहतरीन रोमांटिक गुड मॉर्निंग लव शायरी और कोट्स

भारत में कैसे आता है मॉनसून? समझिए बारिश का पूरा विज्ञान

बरखा की बूंदों में भीगी ये शायरी पढ़ कर दिल हो जाएगा तरोताजा

हेयर ट्रांसप्लांट ने लील ली 2 जिंदगियां, जानिए कितनी सेफ है ये सर्जरी, संभावित खतरे और किन लोगों को नहीं करवाना चाहिए ट्रांसप्लांट

प्री-मॉनसून और मॉनसून में क्या होता है अंतर, आसान भाषा में समझिए

अपनी बेटी को दें वेदों से प्रेरित सुंदर नाम, जानें उनके गहरे अर्थ

घर के चिराग को दें वेदों से प्रभावित नाम, दीजिए बेटे के जीवन को एक सार्थक शुरुआत

प्रधानमंत्री का संदेश आतंकवाद के विरुद्ध मानक

मोहब्बत, जिंदगी और सियासत पर राहत इंदौरी के 20 दमदार और मोटिवेशनल शेर

कितनी है कर्नल सोफिया कुरैशी की सैलरी, जानिए भारतीय सेना में इस पोस्ट का वेतनमान