25 फरवरी: अवतार मेहेर बाबा का जन्मोत्सव, जानें 15 अनसुनी बातें

WD Feature Desk
HIGHLIGHTS
 
* भारतीय आध्यात्मिक गुरु मेहर बाबा।
* रहस्यवादी सिद्ध पुरुष के रूप में जाने जाते हैं मेहेर बाबा। 
* मेहेर बाबा का जन्मोत्सव 25 फरवरी को। 

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Avatar Meher Baba : वर्ष 2024 में 25 फरवरी, दिन रविवार को अवतार मेहेर बाबा का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। 20वीं सदी के एक प्रमुख आध्यात्मिक संत रहे अवतार मेहेर बाबा के देश-विदेश में लाखों अनुयायी थे। आइए जानते हैं उनके बारे में खास 15 बातें- 
 
1. मेहेर बाबा का जन्म पूना के एक पारसी परिवार में 25 फरवरी 1894 में हुआ था। जन्म से वे एक परसीयन थे। उनका मूल नाम मेरवान एस. ईरानी (मेरवान शेरियर ईरानी) था। वह एस. मुंदेगर ईरानी के दूसरे नंबर के पुत्र थे। 
 
2. उनकी बचपन की पढ़ाई क्रिश्चियन हाईस्कूल, पूना तथा बाद में डेकन कॉलेज पूना में हुई थी।
 
3. अवतार मेहेर बाबा एक ईरानी मूल के भारतीय चिंतक और दार्शनिक थे। मेहर/ मेहेर बाबा एक रहस्यवादी सिद्ध पुरुष थे। कई वर्षों तक वे मौन साधना में रहे। 
 
4. मेहेर बाबा ने 10 जुलाई 1958 को जो संदेश दिया था, उसमें कहा कि यह ईश्वर की ओर से मानव जाति के लिए एक संदेश है। यह सभी के लिए है, चाहे कोई उस पर विश्वास करे या न करें। 
 
5. मेहेर बाबा एक अच्छे कवि और वक्ता थे तथा उन्हें कई भाषाओं का ज्ञान था। वे आध्यात्मिक गुरु, सूफी, वेदांत और रहस्यवादी दर्शन से प्रभावित थे।
 
6. मेहेर बाबा की मुलाकात 19 वर्ष की आयु में रहस्यदर्शी महिला संत हजरत बाबाजान से हुई और उनका जीवन बदल गया। इसके बाद उन्होंने नागपुर के हजरत ताजुद्दीन बाबा, केदगांव के नारायण महाराज, शिर्डी के सांई बाबा और साकोरी के उपासनी महाराज अर्थात 5 महत्वपूर्ण हस्तियों को अपना गुरु माना। 
 
7. सात वर्षों तक उपासनी महाराज के पास ज्ञान प्राप्त करने के बाद वे ईरानी आध्यात्म के उच्च स्तर पर पहुंच गए। तभी से उनके चेलों ने उन्हें मेहेर बाबा नाम दिया, मेहेर जिसका अर्थ होता है महादयालु पिता।
 
8. सन् 1925 में अवतार मेहेर बाबा ने मात्र 29 वर्ष की अवस्था में 10 जुलाई से मौन प्रारंभ किया था जो सदैव अखंड रहा। इसीलिए प्रतिवर्ष 10 जुलाई को अवतार मेहेर बाबा मौन पर्व दिवस भी मनाया जाता है। अत: मेहेर बाबा के भक्त 10 जुलाई को मौन रख कर उनको याद करके प्रार्थना करते हैं।
 
9. वे कहते थे कि मौन/वाणी संयम हमें मन पर संयम कायम करना सिखाती है। हर रोज अपनी सुविधानुसार सुबह, शाम कभी भी 5 मिनट के लिए मौन रहकर लाभ लिया जा सकता है। 
 
10. अपनी वाणी पर संयम यानी मौन को प्रारंभ करने की प्रथम सीढ़ी है। अत: धीरे-धीरे हमारी समस्त इंद्रियों पर मौन का संयम धारण करना ही ईश्वर प्राप्ति का सबसे सरल रास्ता है। 
 
11. उत्तरप्रदेश के हमीरपुर जिले में बाबा के भक्त परमेश्वरी दयाल पुकर ने 1964 ई. में मेहेर मंदिर का निर्माण करवाया था। 
 
12. 18 नवंबर 1970 ई. को मंदिर में अवतार मेहेर बाबा की प्रतिमा स्थापित की गई थी। यहां पर प्रति वर्ष 18 और 19 नवंबर को मेहेर प्रेम मेले का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा भी मेहेर बाबा के कई मंदिर है। 
 
13. मेहेर बाबा ने 6 बार विदेश यात्राएं भी की। मेहेर बाबा के भक्त उन्हें परमेश्वर का अवतार मानते थे।
 
14. महाराष्ट्र के अहमदनगर के पास मेहराबाद में मेहेर बाबा का विशालकाय आश्रम हैं, जो मेहेर बाबा के भक्तों की गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। मेहराबाद में बाबा की समाधि है। इसके पहले मुंबई में उनका आश्रम था। 
 
15. अवतार मेहेर बाबा एकांत वास में उपवास और तपस्या के दौरान 31 जनवरी 1969 को मेहराबाद में अपनी देह छोड़ दी थी। 

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