Life of Narada Muni: आज, 14 मई 2025, दिन बुधवार को देवर्षि नारद की जयंती मनाई जा रही है, जो उनके जन्म का स्मरण कराती है। यह दिन संचार, भक्ति और ज्ञान के महत्व को दर्शाता है। नारद मुनि भगवान ब्रह्मा के 'मानस पुत्र' कहे जाते हैं, जिसका अर्थ है कि उनका जन्म ब्रह्मा के मन से हुआ था, न कि किसी शारीरिक प्रक्रिया से। उन्हें ब्रह्मांड के सबसे पहले और सबसे महान ऋषियों में से एक माना जाता है।
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यहां जानें नारद मुनि के बारे में 5 रोचक और दिलचस्प बातें:
1. देवर्षि की उपाधि: नारद मुनि को 'देवर्षि' की उपाधि प्राप्त है। यह एक विशेष ऋषि पद है जो केवल दिव्य गुणों और तप से प्राप्त होता है। वे न केवल तपस्वी हैं, बल्कि संगीत, ज्ञान और भक्ति के भी महान प्रचारक हैं।
2. भगवान विष्णु के परम भक्त: नारद मुनि भगवान विष्णु के अनन्य भक्त माने जाते हैं। वे जहां भी जाते हैं, 'नारायण-नारायण' का जाप करते रहते हैं और भक्ति मार्ग का प्रचार करते हैं।
3. सभी लोकों में विचरण करने वाले देवदूत: नारद मुनि को त्रिलोक संचारक कहा जाता है, यानी वे स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल- तीनों लोकों में स्वतंत्र रूप से विचरण कर सकते हैं। वे देवताओं, असुरों और मानवों के बीच संवाद का माध्यम बने रहते हैं।
4. 'चुगलीबाज़' नहीं, बल्कि लीला पात्र: नारद मुनि को अक्सर कहानियों में ऐसे दिखाया जाता है कि वे एक लोक की बातें दूसरे लोक में जाकर कहते हैं, जिससे घटनाएं घटती हैं। लेकिन उनका यह कार्य भगवान की लीला को आगे बढ़ाने का एक माध्यम होता है, न कि किसी स्वार्थ या द्वेष से प्रेरित।
5. नारद संहिता और नारद भक्ति सूत्र: नारद मुनि द्वारा रचित नारद भक्ति सूत्र भक्ति योग का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें भक्ति के प्रकार, स्वरूप और उसके महत्व को विस्तार से समझाया गया है।
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