हरिद्वार कुंभ मेले में जा रहे हैं तो ये 12 कार्य करें और 12 कार्य नहीं

अनिरुद्ध जोशी
कोरोना काल के चलते हरिद्वार कुंभ मेले में वैसे तो बहुत ही सावधानी रखने की जरूरत है परंतु हम यहां बता रहे हैं वे सावधानियां या नियम जिसका उल्लेख शास्त्रों में किया गया है क्यों कुंभ नगरी एक तीर्थ क्षेत्र है जहां पर धर्म और कर्म का नियम है यह कोई पर्यटन स्थान या सैर सपाटे का स्थान नहीं होता है। कुंभ में कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए और कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें करने से पुण्य लाभ मिलता है। जानें कि वे कौन से कार्य और नियम हैं:-
 
 
ये नहीं करें:- 
1.यदि त्रिवेणी संगम पर तीर्थ करने वाला बैल, भैंसा पर आरुढ़ होकर गमन करता है तो वह नरकवासी बनता है।
2.यदि कोई व्यक्ति किसी साधु-संत का अपमान करता है। उनकी खिल्ली उड़ाता है वह निम्नतर योनियों में जन्म लेता है।
3.किसी भी तरह से मांस, मदिरा आदि तामसिक भोजन का सेवन करके जो तीर्थ गमन करता है वह अदृश्य साधु आत्माओं द्वारा शापित होता है। 
4.मासिक धर्म से ग्रसित युवती या अपवित्र कर्म करने वाला पुरुष तीर्थ स्नान न करें। ऐसा करने से और पाप लगता है।
5.नदी में पेशाब करना महापाप माना गया है। इस संबंध में बच्चों को हिदायत दें।
6.कहीं पर भी गंदगी ना करें। उचित जगह पर ही शौचादिक कर्म करें।
7.कुंभ मेरे में व्यर्थ में ना घूमें। उचित स्थान पर रुककर ही कुंभ का आनंद लें।
8.किसी भी अनजान वस्तु को हाथ ना लगाएं।
9.किसी को भी परेशानी में छोड़कर ना जाएं और ना ही किसी भी प्रकार की परेशानी खड़ी करें।
10.अपने साथ बच्चों को ना ले जाएं। ले जा रहे हैं तो उनको अपने से दूर ना करें।
11.लाइन और नियमों का उल्लंघन ना करें। ऐसे करने से सभी को परेशानी होगी और कुंभ में अव्यवस्था फैल जाएगी।
12.कहीं पर भी रुककर तमाशा देखने वाली भीड़ में शामिल ना होएं। भीड़ में शामिल ना होंगे तो खुद को सुरक्षित रख पाएंगे।
 
ये करें-
1.तीर्थ में जप, दान, उपवास, पूजा-पाठ इत्यादि के मुख्य कर्म होते हैं उन्हें जानकर करें।
2.मुंडन कराने के बाद पींडदान करने का महत्व है।
3.प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में जागने के बाद सुबह और शाम को संध्यावंदन करें।
4.वैष्णव, शैव, शाक्त या उदासीन साधुओं के प्रवचन सुनें।
5.यदि हो सकते तो कल्पवास का संकल्प लें।
6.कुछ नहीं कर सकते हैं तो कम से कम सभी स्नान पूर्ण करके ही जाएं।
7.स्नान करने के बाद शास्त्र विधि से पूजन करें।
8.परेशान व्यक्ति को देखें तो उसकी उचित मदद करें।
9.कुंभ के महत्वपूर्ण स्थानों जैसे पुलिस स्टेशन, धर्मशाला, बस और रेलवे स्टेशन, प्रयाग नक्षा आदि की पूर्ण जानकारी रखें।
10.अपने पास सभी तरह के महत्वपूर्ण मोबाइल और फोन नंबर की एक डायरी भी रखें।
11.कुंभ में जाने से पहले अपने पास उचित मात्रा में ग्लुकोस, बुखार, उल्टी, दस्त आदि की दवाईयां रखें।
12.भोजन पानी की उचित व्यवस्था रखें। पानी की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें क्योंकि यह आपको बीमार भी कर सकता है।

सम्बंधित जानकारी

तुलसी विवाह देव उठनी एकादशी के दिन या कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं?

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

आंवला नवमी कब है, क्या करते हैं इस दिन? महत्व और पूजा का मुहूर्त

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

11 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

11 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Saptahik Muhurat 2024: नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 11 से 17 नवंबर

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों के लिए उत्साहवर्धक रहेगा आज का दिन, पढ़ें 10 नवंबर का राशिफल

MahaKumbh : प्रयागराज महाकुंभ में तैनात किए जाएंगे 10000 सफाईकर्मी

अगला लेख
More