Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

राष्ट्रपति चुनाव: 115 में से 28 नामांकन रद्द, क्या है नामांकन रद्द होने की वजह?

हमें फॉलो करें राष्ट्रपति चुनाव: 115 में से 28 नामांकन रद्द, क्या है नामांकन रद्द होने की वजह?
, गुरुवार, 30 जून 2022 (09:16 IST)
नई दिल्ली। राष्‍ट्रपति चुनाव में नामांकनों की पड़ताल गुरुवार को पूरी हो जाएगी और शाम तक अंतिम उम्मीदवारों के नाम की सूची जारी की जा सकती है। कहा जा रहा है कि अब तक 115 में से 28 नामांकन रद्द किए जा चुके हैं।
 
मीडिया खबरों के अनुसार, उम्मीदवारों के नाम के साथ मतदाता सूची प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण यह नामांकन खारिज किए गए। शेष नामांकनों की गुरुवार को जांच की जाएगी। नामांकन पत्र उम्मीदवार या उसके किसी प्रस्तावक तथा अनुमोदक द्वारा दाखिल किया जा सकता है। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है।
 
निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के वास्ते नामांकन दाखिल करने वाले लोगों के लिए 50 प्रस्तावक और 50 अनुमोदकों का होना अनिवार्य कर दिया है। प्रस्तावक और अनुमोदक निर्वाचक मंडल के सदस्य होने चाहिए। इसके साथ ही यदि कोई उम्मीदवार 15,000 रुपए नकद का भुगतान नहीं करता है या भारतीय रिज़र्व बैंक या सरकारी कोष में जमा कराई इस राशि की रसीद नहीं दिखा पाता, तो भी उसका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा। जमानत राशि के भुगतान के लिए ‘चेक’ और ‘डिमांड ड्राफ्ट’ स्वीकार्य नहीं है।
 
अभी तक कुल 115 नामांकन दाखिल किए गए हैं, नामांकन पत्र दाखिल करने वालों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा शामिल हैं। इनके अलावा, कई आम लोगों ने भी देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए नामांकन दाखिल किए हैं। इनमें मुंबई में झुग्गी-बस्ती में रहने वाले एक व्यक्ति, राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक लालू प्रसाद यादव के एक हमनाम, तमिलनाडु के एक सामाजिक कार्यकर्ता और दिल्ली के एक प्राध्यापक शामिल हैं।
 
राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम के अनुसार, कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी आयु 35 वर्ष हो और लोकसभा का सदस्य बनने के योग्य है, वह भारत के राष्ट्रपति के पद का चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारी पेश कर सकता है। साथ ही उम्मीदवार केंद्र या राज्य सरकार के अधीन, किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकरण के अधीन किसी भी सरकारी नियंत्रण वाले किसी लाभ अर्जित करने वाले पद पर नहीं होना चाहिए।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

केरल में एंथ्रेक्स संक्रमण से जंगली सूअरों की मौत, क्यों खतरनाक है यह वायरस, क्या है इसके लक्षण?