बाजीराव पेशवा से कांपते थे मुगल आक्रांता, कभी कोई युद्ध नहीं हारा

18 अगस्त बाजीराव पेशवा जयंती विशेष

WD Feature Desk
शनिवार, 17 अगस्त 2024 (15:05 IST)
पेशवा बाजीराव: पेशवा बाजीराव का जन्म 18 अगस्त सन् 1700 को एक भट्ट परिवार में पिता बालाजी विश्वनाथ और माता राधाबाई के घर में हुआ था। उनके पिताजी छत्रपति शाहू के प्रथम पेशवा थे। इतिहास के अनुसार बाजीराव घुड़सवारी करते हुए लड़ने में सबसे माहिर थे। महाराणा प्रताप और शिवाजी के बाद बाजीराव पेशवा का ही नाम आता है जिन्होंने मुगलों से लंबे समय तक लोहा लिया। 
 
'चीते की चाल, बाज़ की नज़र और बाजीराव की तलवार पर संदेह नहीं करते। कभी भी मात दे सकती है।' 
 
पेशवा बाजीराव बल्लाल एक महान योद्धा थे उन्होंने अपने चालीस वर्ष के जीवन में बयालीस युद्ध लड़े और सभी में वह विजयी रहे। मुगल तो सपने में भी इनका नाम सुनकर कांप जाते थे। 19-20 साल के उस युवा बाजीराव ने 3 दिन तक दिल्ली को बंधक बनाकर रखा था। मुगल बादशाह की लाल किले से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हुई। यहां तक कि 12वां मुगल बादशाह और औरंगजेब का नाती दिल्ली से बाहर भागने ही वाला था कि बाजीराव मुगलों को अपनी ताकत दिखाकर वापस लौट गए।ALSO READ: बाजीराव पेशवा बल्लाल भट्ट कौन थे, जानिए मराठा साम्राज्य का इतिहास
 
बाजीराव पहला ऐसा योद्धा था, जिसके समय में 70 से 80 फीसदी भारत पर उसका सिक्का चलता था। वो अकेला ऐसा राजा था जिसने मुगल ताकत को दिल्ली और उसके आसपास तक समेट दिया था। बाजीराव का एक छोटा भाई भी था चिमाजी अप्पा। बाजीराव अपने पिताजी के साथ हमेशा सैन्य अभियानों में जाया करते थे।
 
पेशवा बाजीराव की पहली पत्नी का नाम काशीबाई था जिसके 3 पुत्र थे- बालाजी बाजी राव, रघुनाथ राव जिसकी बचपन में भी मृत्यु हो गई थी। पेशवा बाजीराव की दूसरी पत्नी का नाम था मस्तानी, जो छत्रसाल के राजा की बेटी थी। बाजीराव उनसे बहुत अधिक प्रेम करते थे और उनके लिए पुणे के पास एक महल भी बाजीराव ने बनवाया जिसका नाम उन्होंने 'मस्तानी महल' रखा। सन 1734 में बाजीराव और मस्तानी का एक पुत्र हुआ जिसका नाम कृष्णा राव रखा गया था।
 
पेशवा बाजीराव, जिन्हें बाजीराव प्रथम भी कहा जाता है, मराठा साम्राज्य के एक महान पेशवा थे। पेशवा का अर्थ होता है प्रधानमंत्री। वे मराठा छत्रपति राजा शाहू के 4थे प्रधानमंत्री थे। बाजीराव ने अपना प्रधानमंत्री का पद सन् 1720 से अपनी मृत्यु तक संभाला। उनको बाजीराव बल्लाल भट्ट और थोरल बाजीराव के नाम से भी जाना जाता है।
 
इतिहास के अनुसार बाजीराव घुड़सवारी करते हुए लड़ने में सबसे माहिर थे और यह माना जाता है कि उनसे अच्छा घुड़सवार सैनिक भारत में आज तक देखा नहीं गया। उनके 4 घोड़े थे- नीला, गंगा, सारंगा और औलख। उनकी देखभाल वे स्वयं करते थे। बाजीराव 6 फुट ऊंचे थे, उनके हाथ भी लंबे थे। बलिष्ठ, तेजस्वी, कांतिवान, तांबई रंग की त्वचा उनके व्यक्तित्व में चार चांद लगाती थी। न्यायप्रिय बाजीराव को सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पसंद थे। पूरी सेना को वे सख्त अनुशासन में रखते थे। अपने भाषण से वे सेना में जोश भर देते थे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरूर पढ़ें

साइबर फ्रॉड से रहें सावधान! कहीं digital arrest के न हों जाएं शिकार

भारत: समय पर जनगणना क्यों जरूरी है

भारत तेजी से बन रहा है हथियार निर्यातक

अफ्रीका को क्यों लुभाना चाहता है चीन

रूस-यूक्रेन युद्ध से भारतीय शहर में क्यों बढ़ी आत्महत्याएं

सभी देखें

समाचार

छत्तीसगढ़ में बारूदी सुरंग में विस्फोट, आईटीबीपी के 2 जवान घायल

बिश्नोई समाज की मांग, सलमान माफी मांगें, पिता सलीम बोले- किससे मांगें माफी

RG Kar College : 6 डॉक्टरों की हालत बिगड़ी, क्या ममता बनर्जी की अपील से खत्म होगा आमरण अनशन

अगला लेख
More