Mugal history: मुगलों ने भारत के कुछ क्षेत्रों पर कब्जा करके अपने शासन की शुरुआत की थी। बाबर से लेकर औररंगजेब तक सभी ने जबरन या संधि के तहत हिंदू महिलाओं से शादी करके उन्हें मुसलमान बनाया था। इस दौरान वे अपने हरम में भी कई औरतों को अपनी अय्याशी के लिए रखते थे।
जोधाबाई : जोधा ओमार की हिंदू राजकुमारी थीं। बताया जाता है कि 20 साल की उम्र में उनकी शादी अकबर से हुई थी। जोधा का असली नाम हीर कुंवर था। इनका जन्म सन 1542 में हुआ था, जो एक हिन्दू राजवंशी राजकुमारी थीं। जिनके पिता आमेर रियासत के राजा भारमल थे। कहते हैं कि इनका निकाह एक राजनीतिक समझौता था।
मानबाई : मानबाई आमेर के राजा भगवंत दास की पुत्री और राजा बिहारीमल की पुत्री थीं। जिनका निकाह बेहद कम उम्र में जहांगीर से हुआ था। निकाह के बाद इनका नाम बदलकर शाह बेगम रख गया था। यह इतनी बहादुर रानी थीं कि इन्हें 'द रॉयल लेडी' भी कहा जाता था।
जगत गोसाई : बादशाह जहांगीर की एक और बीवी हिंदू थीं, जिनका नाम जगत गोसाई था। यह शाहजहां की मां और जोधपुर के शासक मोटा राजा उदय सिंह और रानी मानववती की पुत्री थी। जगत को शादी के बाद बिलकिस मकानी के नाम से जाना जाता था।
नवाब बाई और उदैपुरी : इतिहास की किताबों में यह पाया जाता है कि औरंगजेब की 2 हिन्दू पत्नियां थीं। नवाब बाई और उदैपुरी। कहते हैं कि उदैपुरी नाम की बीबी तो उससे इतना प्यार करती थी कि वह औरंगजेब के साथ सती होने की बात करती थी। औरंगजेब ने खुद अपने बेटे को लिखे एक खत में हिंदू पत्नी की इस इच्छा का खुलासा किया था। हालांकि ऐसा हो नहीं सका औरंगजेब की मौत के कुछ माह में ही उसकी इस पत्नी का भी देहांत हो गया था। बिलीमोरिया के रुक्काते आलमगीरी के अंग्रेजी अनुवाद 'लेटर्स ऑफ औरंगजेब' में इसका जिक्र है।
कहते हैं कि साल 1667 में उदैपुरी ने कामबख्श को जन्म दिया था। औरंगज़ेब के 50 के होने पर उदैपुरी जवान थी। हालांकि उसकी इन दोनों बीबीयों के हिन्दू होने पर भी विवाद है, क्योंकि कामबख्श की मां को कुछ लोग ईसाई मानते थे। वह जॉर्जिया की रहने वाली थी, जिसे दारा ने खरीदा था और दारा के मारे जाने के बाद औरंगजेब ने उसे अपने पास रख लिया था। हलांकि जदुनाथ सरकार ने हिस्ट्री ऑफ औरंगजेब में इसके उलट बात कही है। वे लिखते हैं कि उदैपुरी उनकी पत्नी थी और वह राजपूत थीं।
हीरा बाई : ऐसा भी कहते हैं कि औरंगजेब की एक पत्नी का नाम हीरा बाई था, जो एक कश्मीरी हिन्दू थीं। उसे बहुत कम उम्र में बेच दिया गया था और जिसे मीर खलील नामक एक व्यक्ति ने खरीदा था। यह उसके लिए गाती और नाचती थी। उसकी सुंदरता के लोग दीवाने थे। औरंगजेब ने जब इसे देखा तो उसने इसे हथिया लिया। कहते हैं कि 'डिड औरंगजेब बैन म्यूजिक में इसका उल्लेख मिलता है। हीरा बाई की मौत साल 1654 में हुई थी। संभवत: इसे ही नवाब बाई कहा जाता था।
इनके अलावा भी कई महिलाओं का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज है।
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