नाचनी रोटी क्या है? कैसे बनती है? जानिए 5 फायदे

राजश्री कासलीवाल
नाचनी रोटी (nachni roti) क्या है? 
 
नाचनी रोटी यानी रागी से बनाई जाने वाली रोटी है, जिसमें 100 ग्राम नाचनी या रागी में 344 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। यह प्रोटीन से भरपूर तथा ग्लूटन फ्री होने के साथ-साथ खाने में अधिक पौष्टिक होती है। नाचनी रोटी बनाने के लिए रागी के दानों को सूखाने के बाद पीसकर उसका आटा तैयार किया जाता है।


नाचनी या रागी को अधिकतर शुद्ध रूप में ही खाया जाता, क्योंकि इसमें गुड कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो शरीर के लिए लाभदायी होता है। इसकी रोटी बनाना बहुत ही आसान है तथा इसके सेहत फायदे भी बहुत होते है। 
 
आपको बता दें कि नाचनी रोटी को बनाते समय इसमें चावल तथा गेहूं का आटे थोड़ी मात्रा में उपयोग करके इस रोटी को बनाया जाता है। यह खाने स्वादिष्ट तथा  सेहतमंद होती है।

यदि आप इसे अधिक स्वादिष्ट बनाना चाहती है तो उसमें अपने स्वाद के अनुसार गाजर, अदरक, हरा धनिया, प्याज आदि बारीक काटकर या फिर कद्दूकस करके इसका स्वाद अधिक बढ़ा सकती है।

आइए जानते हैं नाचनी रोटी बनाने की रेसिपी और फायदे के बारे में- 
 
सामग्री : 1/2 कप रागी या नाचनी का आटा, 2 चम्मच गेहूं का आटा तथा 1/4 कप चावल का आटा, नमक स्वादानुसार, घी या तेल। 
 
विधि : सबसे पहले नाचनी का आटा, गेहूं तथा चावल का आटा छान लें। अब इसमें स्वादानुसार नमक डालें तथा आवश्‍यकानुसार पानी मिलाकर नरम आटा गूंथ लें। फिर तैयार आटे की अपने साइज के हिसाब से लोइयां बनाएं तथा रोटी बेल लें।
 
 
अब तवे को मीडियम आंच पर गर्म करके उसके चारों तरफ घी या तेल जो भी आप उपयोग करना चाहते हैं, उसे फैला दें और नाचनी रोटी दोनों तरफ से सुनहरी होने तक अच्छी तरह सेक लें। लीजिए आपके लिए खास तौर पर तैयार की गई पौष्टिकता से भरपूर नाचनी रोटी तैयार है। अब आप इसे गरमा-गरम दाल, सब्जी या कढ़ी के साथ सर्व करें। 
 
आइए अब जानते हैं फायदे-Health Benefits of Ragi 
 
- नाचनी या रागी को रोजाना की डाइट में शामिल करने से इसमें मौजूद तत्व बॉडी को रिलैक्स होने में मदद करते है, साथ ही तनाव से निकलने में भी मदद करते है।
 
 
- नाचनी/रागी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इन्सोम्निया (Insomnia) यानी नींद न आने की समस्या में भी फायदेमंद है। रागी में मौजूद ट्रिप्टोफैन और अमीनो एसिड नाम के एंटीऑक्सीडेंट्स रागी को सेहत के लिहाज से एक खास अनाज बना देते हैं।
 
- इसमें पाया जाने वाला फास्फोरस हड्डियों के विकास में सहायक होकर उन्हें मजबूत बनाने में मदद करता है।
 
- रागी को रोजाना सेवन करने से यह त्वचा को जवां और चमकदार बनाए रखने में सहायक होता है। इसमें मौजूद मिथियोनिन और लाइसिन त्वचा की कसावट बनाए रखने और झुर्रियों को रोकने में मदद करते हैं।
 
 
- नाचनी या रागी में मौजूद एल्कलाइन तत्व पाचन को दुरुस्त कर, खाने को जल्दी पचाने में हमारी मदद करता है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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