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कारगिल वॉर क्यों हुआ था और कितने सैनिक हुए थे शहीद?

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kargil vijay diwas 2023 : 26 जुलाई को कारगिल में जो युद्ध प्रारंभ हुआ था उसे ‘ऑपरेशन विजय’ नाम दिया गया है। इस युद्ध की याद में ही प्रतिवर्ष कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ा गया ऐसा युद्ध है जिसके बाद अब तक कोई युद्ध नहीं लड़ा गया है। आओ जानते हैं कि यह युद्ध क्यों लड़ा गया था और इसमें कितने जवान शहीद हुए थे।
 
कारगिल युद्ध क्यों लड़ा गया था- Why was the kargil war fought:- कारगिल क्षेत्र की कई पहाड़ियों पर पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकियों के साथ नियंत्रण रेखा पार करके कई पर्वतों की चोटियों पर कब्जा कर लिया गया था। कारगिल भारतीय राज्य लद्दाख का एक सीमावर्ती क्षेत्र है। घुसपैठ करके पाकिस्तानी फौज ने चौकिया भी बना ली थी, जहां पर ट्रेंड आतंकवादियों को भी तैनात कर रखा था।
 
कारगिल में घुसपैठ की सबसे पहले जानकारी ताशी नामग्याल नामक एक स्थानीय चरवाहे ने दी थी, जो कि कारगिल के बाल्टिक सेक्टर में अपने नए याक की तलाश कर रहे थे। याक की खोज के दौरान उन्हें संदिग्ध पाक सैनिक नजर आए थे। इसके बाद 3 मई को पहली बार भारतीय सेना को गश्त के दौरान पता चला था कि कुछ लोग वहां पर हरकत कर रहे हैं। पहली बार द्रास, काकसार और मुश्कोह सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा गया था। उस 
 
कितने सैनिक हुए थे शहीद : कारगिल घुसपैठ के दौरान केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी जिन्हें इस घुसपैठ की सूचना दी गई। वाजपेयी सरकार ने सेना को आदेश दिया कि घुसपैठियों को मार भगाया जाए और अपने क्षेत्र को पुन: भारत के कब्जे में लिया जाए। आदेश के बाद 26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना ने कारगिल के द्रास, बाल्टिक, काकसार और मुश्कोह सेक्टर सहित कई जगहों पर घुसपैठियों को भगाने और पुन: कब्जा करने के लिए कारगिल में ‘ऑपरेशन विजय’ को शुरू किया। हालांकि 8 मई 1999 को ही इस युद्ध की नींव पड़ गई थी।
 
युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सैनिक 15 हजार फीट ऊपर थे और भारतीय सेना उनसे चार हजार फीट नीचे थी।करीब 3 महीने चले इस युद्ध में भारत के 562 जवान शहीद हुए और 1363 अन्य घायल हुए थे, जबकि पाकिस्तान के अधिकृत आंकड़ों के अनुसार 600 से ज्यादा सैनिक मारे गए और जबकि 1500 से अधिक घायल हुए। अनाधिकृत आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान के 3000 सैनिकों के मारे जाने की बात कही जाती है।

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