बच्चों से मिले प्यार और सम्मान से अभिभूत मिलर दंपति ने फैसला किया कि वे बच्चों के लिए सांता क्लॉज के नाम से पोस्ट (पत्र) लिखने का काम शुरू करेंगे। और उन्होंने नवविकसित हो रहे नार्थ पोल से फेयरबैंक तेरह पत्र भेजे। इन पत्रों की खासियत यह थी कि इन्हें कोन मिलर ने अपने नहीं बल्कि सांता क्लॉज के नाम से भेजा था। इसके बाद कोन के साथ एक अजीब वाकया हुआ। वह अपनी दुकान में काम कर रहा था कि अलास्का निवासी एक ग्रामीण बच्चे ने उसे पहचानकर पूछा “हलो, सांता क्लॉज, क्या आप नया घर बना रहे हैं।” बस फिर क्या था कोन के दिमाग में एकाएक विचार कौंधा कि क्यों न सांता क्लॉज हाउस बनाया जाए। फिर जो हुआ वो आज हम सभी के सामने है। 1952 में सांता क्लॉज के नाम से किया गया अभिनव प्रयोग आज पूरे विश्व में प्रसिद्धी पा चुका है। सांता को चाहने वाले बच्चों को हर क्रिसमस पर इंतजार रहता है एक चिट्ठी का, जिसे खास तौर पर उनके लिए सांता क्लॉज हाउस से भेजी जाती है। यदि आप भी उन हजारों लोगों में से एक हैं, जो हर साल सांता क्लॉस हाउस का दीदार करने नार्थ पोल आते हैं तो आप जान सकते हैं कि मिलर फैमली ने इस सांता क्लॉज को जीवंत करने के लिए कितने अभिनव प्रयास किए हैं।
सामाजिक योगदान- कोन मिलर एक नेक और हिम्मती व्यक्ति थे। उनके प्रयासों के कारण शेष विश्व से कटे नार्थ पोल को विश्व में पहचान मिली। सांता क्लॉज हाउस से होने वाली कमाई से कोन मिलर ने नार्थ पोल को सँवारने में लगाया। वे नार्थ पोल में 19 साल तक मेयर बने रहे।
उनकी पत्नी नैली मिलर भी लंबे समय तक मैरिज कमिशनर के पद पर कार्यरत रहीं। सांता क्लॉज हाउस के अलावा उन्होंने हजारों जोड़ियों की शादी भी करवाई। कोन और नेली के मरने के बाद उनके दोनों बेटो मिक मिलर औऱ स्वर्गवासी टैरी मिलर ने पूरी योग्यता के साथ सांता क्लॉज हाउस का काम आगे बढ़ाया। इस तरह मिलर दंपति ने अपने प्यारे से सपने को सच किया जो हमारे सामने सांता क्लॉज हाउस के रूप में विद्यमान है।