गोवा का दिलकश दूधसागर प्रपात : मानसून में हो रहा है वायरल

Webdunia
शुक्रवार, 22 जुलाई 2022 (12:04 IST)
Dudhsagar Falls : गोवा अपने समुद्री तटों के लिए जाना जाता है। यहां वाटर एक्टिविटी के लिए भी पर्यटक आते हैं। पणजी, मडगांव, वास्को, मापुसा तथा पोंडा राज्य के प्रमुख शहर हैं। पणजी गोवा राज्य की राजधानी है। साऊथ गोवा में दूधसागर नामक एक झरना है जिसकी प्रसिद्धि देश और दुनिया में है। आओ जानते हैं इस झरने या जल प्रपात की खासीयत।
 
संपूर्ण गोवा में इतने अधिक समुद्र तट हैं कि पर्यटकों को गोवा के सभी तटों को देखने में एक महीने से भी अधिक वक्त लग जाएगा। गोवा के इन समुद्र तटों पर, आप समुद्र की लहरों पर वॉटर सर्फिंग, पैरासेलिंग, वॉटर स्किइंग, स्कूबा डाइविंग, वॉटर स्कूटर आदि का लुत्फ उठा सकते हैं।
 
दूधसागर झरना- Dudhsagar Waterfall :
 
1. यह झरना भारतीय राज्य गोवा के पश्‍चिमी मंडोवी या मांडवी नदी से निकलता है जो कि पश्चिमी घाट के पहाड़ों के ऊपर से गिरता है।
 
2. यह झरना गोआ की राजधानी पणजी से 60 कीलोमीटर दूर कर्नाटक और गोवा राज्य के बॉर्डर पर मौजूद है।
 
3. यह लगभग 310 मीटर (1017 फुट) की ऊंचा है लेकिन कुछ लोग 320 मीटर बताते हैं। इसकी औसत चौड़ाई 30 मीटर (100 फुट) है। यह झरना देश के सबसे ज्यादा ऊंचाई से गिरने वाले झरनों में से एक है। मेघालय में इससे भी ज्यादा ऊंचाई के झरने हैं।
 
4. इस झरने के पास ही भगवान महावीर अभ्यारण भी मौजूद है। यानी यह फॉल्स भगवान महावीर अभयारण्य और मोल्लेम या मोलम राष्ट्रीय उद्यान के बीच स्थित है।
 
5. इस झरने को दूधसागर इसलिए कहते हैं क्योंकि इसका जल जब उपर से नीचे गिरता है तो दूध के समान दिखाई देता है।
 
6. गोवा और बेलगाम के बीच रेलमार्ग गुजरता है। इस झरने के सामने बने एक पूल के उपर से ट्रेन गुजरती है। यहां कुछ देर के लिए यह ट्रेन रुकती है ताकि लोग इस झरने का आनंद ले सकें।
 
7. दूधसागर झरने के पास से गुजरती हुई एक ट्रेन का वीडियो वायरल होते रहते हैं। शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के कुछ दृश्य यहां फिल्माए गए थे।
 
8. यह झरना और आसपास के स्थान भारत के सबसे खूबसूरत दर्शनीय स्थलों में से एक है। यहां पहुंचकर इसे देखना किसी आश्चर्य से कम नहीं है।
 
9. मानसून के दौरान झरने में पानी का बहाव तेज हो जाता है। तब यह जगह खतरे वाली होती है, लेकिन ट्रेन से इस झरने को देखा जा सकता है।
 
10. स्थानीय किवदंती के अनुसार पश्चिमी घाटों के बच में पहले एक झील हुआ करती थी। इस झील में एक राजकुमारी अपनी सहेलियों के साथ स्नान करने आती रहती थी। स्नान के बाद घड़े भर दूध का सेवन करती थीं। एक दिन वे सभी झील में स्नान कर रही थीं। तब वहां से एक युवक निकला और उसकी नजण उन पर पड़ी और वह सभी को देखने लगा। अपनी लाज बचाने हेतु राजकुमारी की सेविकाओं ने दूध का घड़ा झील में उड़ेल दिया ताकि दूध की परत के पीछे वे स्वयं को छुपा सकें। तभी ये यह झरना दूध के समान नजर आने लगा।
 
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