भारत में तेज़ी से उभर रहा है स्टार्ट अप कल्चर, जानिए कैसा है अब तक का विकास
जानिए भारतीयों का स्टार्ट अप कल्चर को लेकर कैसा है अनुभव
Start Up Culture In India
सूचना प्रौद्योगिकी के आगमन के साथ लोगों ने भारत में स्टार्टअप संस्कृति में बड़ी वृद्धि देखी है। ऑनलाइन फूड डिलीवरी से लेकर होटल बुक करने तक बहुत कुछ तेज़ी से बदला है। आज भारत में आप कुछ भी अपने दरवाजे पर मंगवा सकते हैं, हर स्टार्ट-अप ने अपने अलग-अलग तरीकों से लोगों की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं का समाधान किया है।
कब हुई भारत में स्टार्ट-अप संस्कृति की शुरुआत :
2013 में भारत ने स्टार्टअप संस्कृति की अपनी यात्रा शुरू की। इसी समय देश में स्टार्टअप का एक नया दौर शुरू हुआ था। तब से देश में कई नए स्टार्टअप उभर कर सामने आए हैं। इन स्टार्टअप ने देश की अर्थव्यवस्था में भी अपना योगदान सुनिश्चित किया है। सरकार के समर्थन और इंटरनेट तक आसान पहुंच ने देश के स्टार्टअप हब को बढ़ावा देने में मदद की है।
स्टार्टअप का मकसद: भारत में स्टार्टअप की शुरुआत नागरिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने और जीडीपी को बढ़ावा देने के विचार से की गई थी। ये एक अच्छा चिन्ह है कि तब से लेकर अब तक भारतीय स्टार्टअप का ग्राफ लगातार ऊपर ही बढ़ा है।
भारत में स्टार्ट-अप्स को विकसित होने में कई कारकों ने मदद की है। सरकारी सहायता से लेकर आसान इंटरनेट उपलब्धता तक, हर चीज ने इसे विकसित होने में मदद की है।
आइये जानते हैं पिछले वर्षों में कैसा रहा है भारत में स्टार्टअप का विकास
भारत में 16 से 35 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं की आबादी आगे बढ़ने की क्षमता रखतती है और अपने अभिनव कौशल का उपयोग करके आगे बढ़ते हैं। अपने ज्ञान और बुद्धि का उपयोग करके दैनिक जीवन की समस्याओं को हल करते हैं और उनसे कमाते हैं। क्योंकि उन्होंने स्टार्ट-अप के विकास में बहुत योगदान दिया है। आज, बड़ी कंपनियों के साथ काम करने के बजाय, छात्र और अन्य पेशेवर अपने विचारों पर काम करना पसंद करते हैं।
भारत में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सरकारी नीतियां
भारत में स्टार्टअप संस्कृति की शुरुआत मेक इन इंडिया अभियान से हुई।
सरकार ने भारत में उद्यमिता के विकास को लक्षित करने के लिए सितंबर 2014 में स्टार्टअप इंडिया अभियान शुरू किया।
इसके बाद 2015 में स्टार्टअप इंडिया अभियान शुरू किया गया, जिसमें फंडिंग और संसाधनों के साथ महिला उद्यमियों के विकास को बढ़ावा दिया गया।
2016 में शुरू किया गया स्टार्टअप इंडिया अभियान स्टार्टअप विकास को बढ़ावा देने में सबसे प्रभावशाली रहा।
आसान इंटरनेट पहुँच का योगदान
भारत में इंटरनेट सेवाओं की आसान उपलब्धता के साथ, प्रौद्योगिकी-आधारित स्टार्टअप के लिए आगे बढ़ना और भी आसान हो गया है। डिजिटलीकरण, प्रौद्योगिकी का आगमन और अन्य चीजें स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ाने में मदद करती हैं।
स्टार्टअप संस्कृति को जन्म देने वाले कारक
मुश्किल समय में हम इनोवेशन की ओर रुख करते हैं। पिछले समय में कोरोना वायरस महामारी ने हमारे जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। सैकड़ों लोगों ने उस दौरान नौकरी गवाई। लोगों ने रोजगार की समस्याओं को हल करने के लिए तकनीक का उपयोग किया जिसके परिणामस्वरूप स्टार्टअप और नए प्रयोगों का जन्म हुआ।