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क्यों मनाया जाता है विश्व नारियल दिवस।
नारियल के फायदे और धार्मिक महत्व।
विश्व नारियल दिवस का इतिहास।
World Coconut Day : हर साल सितंबर के महीने में विश्व नारियल दिवस मनाया जाता है। भारतीय धर्म-संस्कृति में नारियल का बहुत ही महत्व माना गया है। हिन्दू धर्म में मंदिरों में नारियल फोड़ने या चढ़ाने का रिवाज है। इसे 'श्रीफल' भी कहा जाता है।
नारियल में प्रोटीन और मिनरल्स के अलावा सभी पौष्टिक तत्व अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते हैं तथा विटामिन, पोटेशियम, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। तथा इसमें वसा और कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है अत: यह मोटापे से निजात दिलाने में भी मदद करता है।
आइए यहां जानते हैं विश्व नारियल दिवस तथा क्या है वर्ष 2024 में इसकी-
कब हुई शुरुआत, जानें इतिहास : World Coconut Day History
आपको बता दें कि जब पहली बार एशियाई और प्रशांत नारियल समुदाय (APCC) ने साल 2009 में इस दिवस को मनाने का फैसला किया, तब यह दिवस चर्चा में आया और तभी से 2 सितंबर को दुनियाभर में 'विश्व नारियल दिवस' मनाया जा रहा है। और वर्ष 2009 से ही यह दिन नारियल दिवस के रूप में मनाने की प्रथा चली आ रही है। जिसका उद्देश्य विश्व में नारियल के महत्व और उसकी उपयोगिता के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने तथा नारियल के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए ही नारियल दिवस मनाया जाता है।
बता दें कि एशियाई और प्रशांत नारियल समुदाय विश्व नारियल दिवस को बड़े उत्साहपूर्वक मनाता है। जिसका मुख्य उद्देश्य विश्व स्तर पर नारियल की खेती करने को लेकर लोगों को जागरूक करना तथा नारियल उद्योग की सभी गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है। इसी उद्देश्य आज 2 सितंबर 2024, दिन सोमवार को दुनियाभर में 'विश्व नारियल दिवस' मनाया जा रहा है।
विश्व नारियल दिवस थीम 2024 : World Coconut Day Theme 2024
जानकारी के अनुसार इस वर्ष 16वां विश्व नारियल दिवस मनाया जा रहा हैं। बता दें कि वर्ष 2023 में इस दिन की थीम 'नारियल: एक स्वस्थ भविष्य और जीवन के लिए' (Coconut for a Healthy Future and Life) रखी गई थी, जो नारियल के महत्व, स्वस्थ और संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा नारियल होने को बताया गया है। और इस बार वर्ष 2024 में विश्व नारियल दिवस की थीम 'चक्रीय अर्थव्यवस्था के लिए नारियल, अधिकतम मूल्य के लिए साझेदारी का निर्माण' (Coconut for a circular economy, Building partnership for maximum value) तय की गई है।
सेहत और धार्मिक दृष्टि से भी नारियल का जहां पूजा-पाठ में इस्तेमाल किया जाता है, वहीं भोजन में भी नारियल के तरह-तरह व्यंजन तथा मिठाइयां बनाकर इसका बहुत तरह से प्रयोग किया जाता है। साथ ही सेहत और सौदर्य के दृष्टि से भी हर घर में नारियल पानी और नारियल तेल का उपयोग किया जाता है।
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