कृति शर्मा
Team India, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 209 रनों से हार कर दूसरी बार World Test Championship (WTC) जीतने से रह गई है। इस हार के साथ Indian Cricket Team और मैनेजमेंट पर ढेरो सवाल खड़े किये जा रहे हैं। ख़ास कर सवाल उन बल्लेबाजों पर खड़े हो रहे हैं जो इस फॉर्मेट में सालों का अनुभव लेकर खेल रहे हैं। उनमे से एक है Chjeteshwar Pujara जो 2023 के Indian Premier League (IPL) के वक़्त काउंटी क्रिकेट खेल रहे थे। यह बल्लेबाज पिछले WTC Cycle में केवल एक ही शतक बनाने में सफल रहे हैं और उसका औसत भी 2020 की शुरुआत के बाद से 30 से नीचे गिर गया है।
उन्हें पिछले साल ख़राब प्रदर्शन की वजह से टेस्ट प्रारूप से ड्राप किया गया था लेकिन वह काउंटी क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भारतीय टीम में वापसी करने में सफल रहे। उन्होंने Sussex के लिए 8 पारियों में 68.12 की औसत से 545 रन बनाए लेकिन गौरबतलब बात यह है कि काउंटी क्रिकेट में इतना अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी World Test Championship के Final मे उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की बोलिंग के सामने ऐसे शॉट्स का चयन किया जिनसे वो अपना विकेट मुफ्त में Australia को थमा बैठे।
भारत की पहली पारी में उन्होंने Cameron Green की गेंद छोड़ी और वे बोल्ड हो बैठे। वे इस पारी में 25 गेंदों में केवल 14 ही बना पाए। दूसरी पारी में भी उन्होंने ऐसा शॉट खेला जो वे नहीं खेलते नहीं दिखाई देते हैं। उन्होंने Pat Cummins की बॉल पर अपर कट खेलना चाहा और उन्होंने आसानी से 27 रन बनाकर अपना विकेट ऑस्ट्रेलिया के झोले में डाल दिया।एक बार अर्धशतक बनाना तो दूर दोनों पारियों में मिलाकर वह अर्धशतक नहीं बना पाए। ऐसा ही प्रदर्शन उनका न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में था।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय दर्शकों को पुजारा से बहुत उम्मीद थी की वे कुछ देर तक क्रीज पर खड़े होकर गेंदबाजी का अच्छी तरह विश्लेषण कर एक लम्बी पारी खेलेंगे लेकिन उनके इतने बड़े स्टेज पर उनका इस तरह आउट होना भारतीय टीम को महंगा पड़ा है और इस चीज़ ने भारतीय क्रिकेट फेन्स को उनकी बल्लेबाजी की आलोचना करने पर मजबूर कर दिया है और दाएं हाथ का बल्लेबाज 35 साल का है और पिछले कुछ वर्षों में उसकी फॉर्म को देखते हुए, यह संभावना है कि वे 2025 में अगले डब्ल्यूटीसी तक हमें भारतीय टीम में न दिखाई दे।
ऐसे में 12 जुलाई से शुरु हो रही वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में उन्हें मौका नहीं मिलना चाहिए क्योंकि अगर भारत तीसरी बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में जगह बना लेता है तो वह काफी उम्रदराज खिलाड़ी हो जाएंगे। साल 2025 में इंग्लैंड के लंदन शहर में ही लॉर्ड्स के मैदान पर ही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेला जाना है। ऐसे में चयनकर्ताओं को चाहिए कि वह घरेलू क्रिकेट में उनके जैसा खेल खेलने वाले खिलाड़ी को मौका दें।