केपटाउन: ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) टी20 विश्व कप में अपना दबदबा बरकरार रखते हुए रिकॉर्ड छठी बार इस खिताब को जीतना चाहेगी लेकिन शुक्रवार से यहां शुरू होने वाले टूर्नामेंट में भारत और इंग्लैंड की टीमें उसके वर्चस्व को खत्म करने के लिए जोर लगायेंगी।
टूर्नामेंट के सात आयोजन में ऑस्ट्रेलिया पांच बार चैम्पियन रहा है और इस प्रारूप में 2020 में पिछले आयोजन में चैम्पियन बनने के बाद उसके दबदबे को विश्व क्रिकेट में कोई खास चुनौती नहीं मिली है।पिछले 22 महीने में इस टीम को टी20 प्रारूप में सिर्फ एक बार हार का सामना करना पड़ा है और वह भी भारत के खिलाफ उसकी सरजमीं पर खेले गए मैच में जिसका नतीजा सुपर ओवर में निकला था।
इसमें कोई शक नहीं कि गत विजेता टीम एक बार फिर प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी और खिताब की दूसरी हैट्रिक का लक्ष्य रखेगी।ब्रेक से कप्तान मेग लैनिंग की वापसी से टीम को मजबूती मिली है। स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज एलिसा हीली भी चोट से उबर गयी है। इस टीम की सबसे बड़ी ताकत बल्लेबाजी की गहराई है, जिसमें लैनिंग, हीली, एलिसे पेरी और तहलिया मैकग्रा जैसे बड़े शॉट लगाने वाले शामिल है।
अनुभवी तेज गेंदबाज मेगन शुट्ट गेंदबाजी विभाग की कमान संभालेंगी जिसके स्पिन के कई विकल्प है। हरफनमौला एशले गार्डनर भी शानदार लय में हैं। यह 25 साल की खिलाड़ी शानदार गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी के दौरान निचले क्रम में बड़े शॉट लगाने के लिए जानी जाती है।
भारत के खिलाफ इस टीम ने पांच मैचों की श्रृंखला को 4-1 से जीता था लेकिन इसके ज्यादातर मुकाबले काफी करीबी रहे। यही नहीं अभ्यास मैचों आयरलैंड ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर यह दिखा दिया कि इस टीम को भी पटखनी दी जा सकती है। भारत, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के साथ घरेलू दक्षिण अफ्रीका की टीमें से ऑस्ट्रेलिया कड़ी चुनौती मिल सकती है।
पिछले टी20 विश्व कप का उपविजेता भारत इस बार एक कदम आगे बढ़ कर पहली बार चैम्पियन बनने के लिए जोर लगायेगा।भारतीय टीम का प्रदर्शन हालांकि काफी हद कर बल्लेबाजी इकाई पर निर्भर करेगा। भारतीय बल्लेबाजी कलात्मक स्मृति मंधाना, बड़े शॉट खेलने वाली शेफाली वर्मा और कप्तान हरमनप्रीत कौर के आस-पास घूमेगी।
भारतीय टीम ने 2020 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन फाइनल में टीम पिछड़ गयी थी। उस आयोजन में शेफाली भारत की शीर्ष स्कोरर थी और उनकी कप्तानी में अंडर-19 टीम ने हाल ही में विश्व कप का खिताब जीता है। अंडर-19 टीम की सफलता से सीनियर टीम का मनोबल जरूर बढ़ेगा।
टीम में ऋचा घोष और पूजा वस्त्राकर जैसे बड़े शॉट खेलने वाले खिलाड़ियों की मौजूदगी से शीर्ष क्रम पर दबाव कम होगा। टीम के लिए गेंदबाजी हालांकि चिंता का सबब है। तेज गेंदबाजी विभाग में शिखा पांडे के अलावा किसी के पास ज्यादा अनुभव नहीं है। शिखा ने भी लंबे समय तक बाहर रहने के बाद हाल ही में टीम में वापसी की है।
दीप्ति शर्मा की स्पिन गेंदबाज हाल के दिनों में प्रभावी रही है लेकिन उन्हें अन्य गेंदबाजों से भी मदद की जरूरत होगी।भारत ग्रुप बी में इंग्लैंड, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज और आयरलैंड के साथ है।
इंग्लैंड की टीम भी इस प्रारूप में पिछले कई साल से काफी मजबूत रही है।हीथर नाइट के नेतृत्व में इंग्लैंड की टीम 2009 में शुरुआती सत्र की सफलता को दोहरते हुए खिताब जीतना चाहेगी।
पूर्व चैंपियन टीम के पास शानदार गेंदबाजी आक्रमण है जिसमें महान तेज गेंदबाज कैथरीन साइवर-ब्रंट और दुनिया की बेहतरीन स्पिनरों में शामिल सोफी एक्लेस्टोन है। एलिस कैप्सी, सोफिया डंकले और लॉरेन बेल ने टी20 प्रारूप में खुद को स्थापित किया है और उनसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी।
ऑस्ट्रेलिया के अलावा ग्रुप ए से न्यूजीलैंड की टीम भी अंतिम चार में पहुंचने की दावेदार है। सोफी डिवाइन की अगुवाई वाली टीम ने हाल ही में प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन किया है।इस टीम को अगर चैम्पियन बनना है तो डिवाइन के अलावा सूजी बेट्स और ली ताहुहु को दमदार खेल दिखाना होगा।
दक्षिण अफ्रीका का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2020 और 2014 में सेमीफाइनल में पहुंचना रहा है। टीम हालांकि घरेलू परिस्थितियों को भुनाने की इच्छुक होंगी।भारत पर हाल ही में त्रिकोणीय श्रृंखला की जीत से उनका आत्मविश्वास बढ़ा होगा।(भाषा)