छाती में जमा बलगम कैसे बाहर निकालें?

WD Feature Desk
बुधवार, 3 जनवरी 2024 (17:29 IST)
Balgam ko kaise nikale: बलगम या मयूकस मुंह, गले, नाक और साइनस में कोशिकाओं द्वारा तैयार किया जाता है जो शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन जब यह बढ़ जाता है और यदि इसको कंट्रोल नही किया गया तो यह छाती में जमा होने लगता है और तब सांस लेने में कठिनाई होती है। इससे खांसी रुकती नहीं है और छाती और श्वसन नली में सूजन आ जाती है। इससे समस्या और बढ़ जाती है।
 
बलगम अधिक बनने के कारण:-
 
किस बात से करें परहेज: 
  1. यदि आपको बलगम है तो तीखा, चर्खा, मीठा और खट्टा खाना छोड़ दें। 
  2. आलू और चावल या स्टार्च की चीजे न खाएं।
  3. प्रदूषण और धूल से भी यह बलगम बनता है
  4. दूध, पनीर, छाछ और दूध से बने अन्य प्रॉडक्ट से दूर रहें।
  5. केला, अंगूर, टमाटर, संतरा या खट्टे फल, पालक से दूर रहें।
  6. प्रोसेस्ड फूड, चॉकलेट, कॉफी, अल्कोहल, कोल्ड ड्रिंक से दूर रहें।
  7. फ्राइड फूड जैसे कचोरी, समोसे और मिर्च वाले प्रॉडक्ट
  8. जिस भी चीज से एलर्जी है उससे बलगम बनेगा
छाती से बलगम निकालने के लिए क्या करें :-  
  1. सुबह और शाम को नमक के पानी के गरारे करें। 
  2. एक गिलास कम गर्म पानी पीने के बाद वमन क्रिया करें।
  3. एक चम्मच हल्दी में थोड़ा नमक मिलाकर फांक लें।
  4. नेज़ल स्प्रे का इस्तेमाल करें।
  5. हींग डालकर लोशन बनाएं और दो-तीन दिन छाती पर मलें।
 
हल्दी और गुड़ : एक डली गुड़ को हल्दी में मिलाकर सुबह शाम इसका सेवन करने से बलगम फट जाएगा और सांस लेने में सहूलियत होगी। खांसी में राहत मिलेगी। 
 
गर्म पानी : लगातार गर्म पानी का ही सेवन करते रहने से कफ गल जाता है और इससे संक्रमण भी दूर होता है। जब भी पिएं गर्म या गुनगुना पानी ही पिएं।
 
शहद : एक चम्मच शहद में थोड़ी सी अदरक, कालीमिर्च और नींबू मिलाकर उसका दिन में 2 बार और रात में एक बार सेवन करेंगे तो खांसी में राहत मिलेगी।  आप चाहें तो इसकी चाय बनाकर भी इसका उपयोग कर सकते हैं। 
 
भाप लेना : सिर पर तौलिया रखकर गर्म पानी की कटोरी से भाप लेने से भी कफ गल जाता है और तब बलगम बाहर आ जाता है।
 
नमक के गर्म पानी के गरारे : गर्म पानी में नमक मिलाकर उसके गरारे करने से गले की सूजन और सूखी खांसी में राहत मिलती है। 
 
हल्दी वाला दूध : रात को सोते समय रोज हल्दी मिला दूध का सेवन करें। इसमें चाहे तो थोड़ा सा शहद मिला लें लेकिन ध्यान रखें कि शक्कर न मिलाएं। 
 
मूलेठी की चाय : मुलेठी की जड़ की चाय, जिसे गर्म पानी में मुलेठी की जड़ को डुबाकर बनाया जाता है, गले को ढक सकती है और खांसी से राहत दिला सकती है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
 

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