Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

उम्मीदवार और मतदाता बढ़ते ही गए

हमें फॉलो करें उम्मीदवार और मतदाता बढ़ते ही गए
webdunia

कमलेश सेन

इंदौर नगर पालिका से नगर निगम का सफर और इस दौरान हुए चुनावों में साल-दर-साल मतदाताओं के साथ उम्मीदवारों की संख्या भी बढ़ती गई। चुनाव में राजनीतिक दलों के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव में अपना भाग्य आजमाने में पीछे नहीं रहे हैं। कुछ तो पार्टी द्वारा टिकट नहीं मिलने पर बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव में खड़े हो जाते हैं। यह हर चुनाव में होता है कि राजनीतिक दलों में विद्रोह का सामना करना पड़ता है और बाद में मान-मनौव्वल का दौर भी चलता है और कुछ उम्मीदवार अपना नाम वापस ले भी लेते हैं, परंतु इस सभी प्रक्रिया में मैदान में खड़े होने वाले उम्मीदवार का ग्राफ हमेशा ही कम-ज्यादा होता रहा है।
 
1950 और 1955 के नगर निगम चुनाव में क्रमश: 79 एवं 113 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे थे, क्योंकि पहले चुनाव में लोगों में मतदान और चुनाव में खड़े होने को लेकर कोई खास उत्साह नहीं था।
 
इसके बाद इंदौर के पहले नगर निगम चुनाव 1958 में 93 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। 1965 में 233, 1983 में 462, 1994 में 572, 1999 में 696, 2004 में 460, 2009 में 476 एवं 2015 में 324 उम्मीदवारों ने चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमाया था। आंकड़ों में जाहिर है कि वर्ष 1999 में निगम चुनाव में सर्वाधिक उम्मीदवार खड़े हुए थे। इस वर्ष 2022 में पार्षद पद के लिए 341 और महापौर पद के लिए 19 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं जिनका भाग्य 6 जुलाई, बुधवार को वोटिंग मशीनों में कैद हो जाएगा।
 
ठीक उसी तरह साल-दर-साल मतदाताओं की संख्या में वृद्धि होती गई। वर्ष 1950 और 1955, जब इंदौर नगर पालिका के रूप जिसकी पहचान थी, तब मतदाताओं की संख्या क्रमश: 1 लाख 15 हजार एवं 1 लाख 65 हजार 295 थी।
 
पहले निगम चुनाव 1958 में 1 लाख 52 हजार 401, 1965 में 2 लाख 10 हजार 431, 1983 में 4 लाख 99 हजार 390, 1994 में 7 लाख 99 हजार 445, 1999 में 10 लाख 93 हजार 696, 2004 में 10 लाख 56 हजार 661, 2009 में 11 लाख 33 हजार 895 एवं 2015 में 16 लाख 49 हजार 784 मतदाताओं की संख्या थी। इस वर्ष 2022 में मतदाताओं की संख्या 18 लाख 35 हजार 316 है, जो मतदान में हिस्सा लेगी।
 
इस तरह वार्डों की संख्या भी जनगणना और परिसीमन से बढ़ती गई। 1958 में 22, 1955 एवं 1958 में 35, 1965 में 48, 1983 में 60, 1994, 1999, 2004 एवं 2009 तक 69 वार्ड रहे। 2015 में परिसीमन में वार्डों की संख्या 85 हो गई। जाहिर है कि वार्डों की संख्या भी बढ़ती गई। इस वर्ष 2022 में 85 वार्डों के लिए एवं महापौर के पद के लिए मतदान संपन्न होगा।
 
इंदौर नगर निगम का क्षेत्रफल और लगातार होता फैलाव इस बात का प्रमाण है कि नगर का विस्तार लगातार हो रहा है। नगर अपनी सीमा में कई गांवों को शामिल कर चुका है और यह क्रम अभी भी जारी है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आप भी रोक सकते हैं 'हेट स्पीच', जानिए इस बारे में क्या कहता है भारतीय कानून