History of origin of tomato : टमाटर की उत्पत्ति कैसे और कहां हुई। इसको खाने का प्रचलन सबसे पहले कहां से शुरू हुआ। क्या है भारत में पहले से ही मौजूद था या कि यूरोप के लोग इसे भारत में लेकर आए? कई सवाल है जो टमाटर के संबंध में संदेह भी पैदा करते हैं। आओ जानते हैं कि टमाटर की उत्पत्ति कैसे और कहां हुई?
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कहते हैं कि क्रिस्टोफर कोलंबस ने योरप के लोगों को 1493 में टमाटर से परिचय कराया था। जब उसने अमेरिका की खोज की थी तो वहां उसने इसे पाया। मेक्सिको में एज़्टेक के ऋणी हैं, जिन्होंने अपनी भूमि पर इसकी खेती की। मेक्सिको में इस बात के प्रमाण हैं कि टमाटर 700 ईसा पूर्व में मौजूद था।
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कई विद्वान मानते हैं कि टमाटर की उत्पत्ति संभवतः दक्षिण अमेरिका में मैक्सिको अथवा पेरु में हुई थी। मैक्सिको के आदिवासी लोग इसे टोमेटो के नाम से पुकारते थे। इसलिए अंग्रेजी में इसे टोमेटो कहा जाता है।
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यह भी कहते हैं कि सबसे पहले स्पेन में टमाटर की कृषि को प्रोत्साहन दिया गया। तब इसे गोल्डन एपिल अथवा लव एपिल के नाम से पुकारते थे। 16वीं शताब्दी के प्रारम्भ में स्पेन निवासी इसे यूरोप में ले गए।
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यह भी कहा जाता है कि वास्तव में कोलंबस नहीं था जिसने इसे खोजा। इसका श्रेय दो लोगों को जाता है। बर्नाल डियाज डी कैस्टिलो और हेर्नान कोर्टेस।
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बर्नाल डियाज़ डी कैस्टिलो ने 1538 में ग्वाटेमाला में भारतीयों द्वारा कब्जा कर लिया था, ने देखा कि वे इसे एक पुलाव में नमक, मिर्च मिर्च और टमाटर के साथ खाना चाहते थे। और उन्होंने इसे टमाटर, प्याज, मिर्च और नमक के साथ पराजित लोगों के हाथ और पैर खाने के एज़्टेक रिवाज से जोड़ा।
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दूसरी ओर, यह कहा जाता है कि हेर्नान कोर्टेस ने इन फलों को मोक्टेज़ुमा के बगीचों में पाया और उन्हें पुराने महाद्वीप में ले जाने का फैसला किया। यह 1521 में तेनोच्तितलान शहर पर विजय प्राप्त करने और राज्यपाल बनने के बाद हुआ था।
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कहते हैं कि भारत में इसे पुर्तगाली मसाला व्यापारी लेकर आए। भारत में इसका प्रवेश पुर्तगाल निवासी वास्कोडिगामा द्वारा बताया जाता है। प्रारंभ में भारत में टमाटर यूरोपीयों के खाने में उपयोग किए जाते थे। बाद में बंगालियों और बर्मा के लोगों ने अपनी खट्टी करी में इसका उपयोग किया।