मिस्र के राजा फ़िरौन के काल में भी टिड्डियों का इजिप्ट पर हमला हुआ था। बाइबल में इस हमले का जिक्र है। उस दौरान परमेश्वर ने यहुदियों के पैगंबर स.अलै.व. हजरत मूसा को इसका संकेत दिया था।
पैगंबर मूसा जब बड़े हुए तो उन्हें पता चला कि हमारे हिब्रू लोगों से मिस्र के लोग बड़ा कठिन कार्य करवाते हैं और उन्हें दास बनाकर रखा है। हजरत मूसा को यह भी पता चला कि हमारी भूमि तो इस्राएल है तब उन्होंने अपने लोगों के हक और न्याय के लिए आवाज उठाना प्रारंभ किया। फिर पैगंबर मूसा ने एक पहाड़ी पर परमेश्वर यहोवा की आवाज सुनी। यहोवा ने कहा कि मैं तुम्हारे पूर्वजों का परमेश्वर हूं। फिर परमेश्वर ने उनके लोगों के कष्टों और मिस्र के लोगों के अत्याचार की बात कही और भरोसा दिलाया कि मैं तुम्हें इन सभी कष्टों से मुक्त करके अच्छे देश में ले जाऊंगा।
मूसा ने हारून के साथ मिलकर अपने लोगों की सहायता की। उन्हें दासत्व से बाहर निकालकर अपने देश में ले जाकर एक नई जिंदगी जिने की बात कही। यह सारी बातें जब फिरौन को पता चलती तो वह भड़क गया। फिरौन ने मूसा और हारून से कहा कि तुम लोगों को परेशान कर रहे हो उन्हें काम करने से हटा रहे हो। उन्हें तुम भड़का रहे हो। फिर फिरौन ने काम कर रहे सभी हिब्रू लोगों को कड़ा दंड देने का आदेश दिया।
यह बात मूसा ने अपने परमेश्वर से कही और शिकायत भी की। तब परमेश्वर यहोवा ने कहा, मैं तुम्हारे साथ रहूंगा। मैं मिस्र में बहुत से चमत्कार करूंगा। किन्तु वह राजा फिर भी नहीं सुनेगा तब मैं मिस्र को बुरी तरह दण्ड दूंगा और मैं अपने लोगों को उस देश के बाहर ले चलूंगा। तब मिस्र के लोग जानेंगे कि मैं यहोवा हूं।
इस तरह परमेश्वर यहोवा ने मिस्र के राजा और मिस्री लोगों को हजरत मूसा के माध्यम से कई तरह के चमत्कार दिखाकर लोगों को सच के मार्ग पर लाने का प्रयास किया लेकिन लोग नहीं माने तब दंड का चक्र चला। फिर मिस्र में दस तरह की विपत्तियां आईं। जैसे मक्खियों का आतंक, खेतों में जानवरों में महामारी का फैलना, लोगों में अचानक फोड़े फुंसी की बीमारी फैलना, ओले गिरना और जिसमें से एक विपत्ति थीं टिड्डियों का हमला।
यहोवा के आदेश से मूसा और हारून ने फ़िरौन के पास जाकर कहा कि 'हिब्रू लोगों का परमेश्वर यहोवा कहता है, ‘तुम मेरे आदेशों का पालन करने से कब तक इनकार करोगे? मेरे लोगों को मेरी उपासना करने के लिए जाने दो! यदि तुम मेरे लोगों को जाने से मना करते हो तो मैं कल तुम्हारे देश में टिड्डियों को लाऊंगा। टिड्डियां पूरी जमीन को ढक लेंगी। टिड्डियों की संख्या इतनी अधिक होगी कि तुम जमीन नहीं देख सकोगे। जो कोई चीज ओले भरी आंधी से बच गई है उसे टिड्डियां खा जाएंगी। टिड्डियां मैदानों में पेड़ों की सारी पत्तियां खा डालेंगी। टिड्डियां तुम्हारे सभी घरों, तुम्हारे अधिकारियों के सभी घरों और मिस्र के सभी घरों में भर जाएंगी। जितनी टिड्डियां तुम्हारे बाप-दादों ने कभी देखीं होंगी उससे भी अधिक टिड्डियां यहां होंगी। जब से लोग मिस्र में, रहने लगे तब से जब कभी जितनी टिड्डियां हुईं होंगी उससे अधिक टिड्डियां होंगी।'' मूसा ने ये संदेश सुनाया और वह चले गए।
फिरौन ने मूसा की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया तब मूसा ने अपनी लाठी को मिस्र देश के ऊपर उठाया और यहोवा ने पूर्व से प्रवल आंधी उठाई। आंधी उस पूरे दिन और रात चलती रही। जब सवेरा हुआ, आंधी ने मिस्र देश में टिड्डियों को ला दिया था।
संपूर्ण राज्य में हाहाकार मच गया। टिड्डियों ने सबकुछ नष्ट कर दिया। यह देखकर फिरौन घबराया और उसने हजरत मूसा और हारून से कहा कि मैं तुम्हारे परमेश्वर और तुम्हारा अपराधी हूं। मुझे क्षमा कर दो। यह सुनकर हजरत मूसा ने यहोवा से प्रार्थना की तो यहोवा ने पश्चिम से तेज आंधी उठाई और उसने टिड्डियों को दूर लाल सागर में उड़ा दिया।
संदर्भ : बाइबल- निर्गमन 2: 10-20