Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ माह की अमावस्या पर शनि जयंती और वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस दिन का खासा महत्व रहता है। इस दिन किए गए कार्य से शनि दोष, पितृ दोष, अकाल मृत्यु और अल्पायु योग से मुक्ति मिल सकती है। इस दिन क्या करें और क्या नहीं यह जरूर जानना चाहिए।
ज्येष्ठ अमावस्या पर क्या करें?
1. इस दिन बरगद, पीपल और शमी के वृक्ष की पूजा करना चाहिए।
2. इस दिन श्री विष्णु, यमदेव और शनि देव की पूजा करना चाहिए।
3. इस दिन पितृदोष निवारण के लिए तर्पण करना शुभ होता है।
4. इस दिन कुत्ते, कौवे, गाय, गरीब, दरिद्र, मजदूर, रोगी और दिव्यांग आदि को भोजन कराना चाहिए
5. इस दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
6. इस दिन यथाशक्ति दान-दक्षिणा देना चाहिए।
7. दिन दिन नीम, बहेड़ा, पीपल, आम, कैथ, आंवला, तुलसी आदि के वृक्ष को मंदिर में लगाना चाहिए।
8. इस दिन काले तिल, लोहे की वस्तु, तेल, काली उड़द, काला वस्त्र, जूते चप्पल, छाता, जामुन का फल और काले चने आदि दान करें।
ज्येष्ठ अमावस्या पर क्या नहीं करें?
1. इस दिन किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन न करें और किसी भी प्रकार का नशा न करें।
2. इस दिन अपने जीवनसाथी से किसी भी प्रकार का झगड़ा न करें। और जीवनभर साथ देने का संकल्प लें।
3. इस दिन भूलकर भी नीले, काले, कत्थई, जामुनी और सफेद रंग धारथ न करें। इसे अशुभ माना जाता है।
4. इस दिन भूलकर भी बाल न कटवाएं और न ही नाखून न काटें।
5. इस दिन यदि व्रत रख रहे हैं तो कथा जरूर सुनें। कथा के बीच से उठकर न जाएं।
6. इस दिन वट वृक्ष की परिक्रमा के दौरान अपना पैर दूसरों को न लगने दें। इससे पूजा खंडित हो सकती है।
7. इस दिन किसी को भी कोई अपशब्द न कहें।
8. इस दिन साफ स्वच्छ रहकर पवित्र बने रहें।