Brahma kamal plant : ब्रह्म कमल साल में एक बार खिलने वाला फूल का पौधा है। आजकल यह हर किसी के घर में खिल रहा है। इसकी सुंदरता और इसके फायदे को लेकर अब इसको सभी अपने घर में लगाना चाहते हैं। क्या आप भी ब्रह्म कमल के पौधे को लाकर अपने घर में लगाना चाहते हैं। यदि हां, तो जानिए इस कमल के बारे में संपूर्ण जानकारी।
हिमालय क्षेत्र में 4 प्रकार के कमल के फूल मिलते हैं- 1.नीलकमल, 2.ब्रह्मकमल, 3.फेन कमल और 4.कस्तूरा कमल शामिल हैं। ब्रह्म कमल का फूल एक दुर्लभ और अद्भुत ही फूल है।
ब्रह्म कमल की जानकारी:-
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सभी कमल पानी में ही उगते हैं या खिलते हैं, परंतु ब्रह्म कमल को गमले में भी उगा सकते हैं।
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ब्रह्म कमल सक फूल एक अद्भुत ही फूल है। यह वर्ष में एक बार ही उगते हैं।
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अगस्त और सितंबर में इसके फूल खिलते हैं और वह भी 4 या 5 घंटे के लिए।
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यह फूल या इसका पौधा अधिकतर हिमालय के राज्यों में ही पाया जाता है। वहीं से लाना होता है।
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आजकल लोग इसे घर में अपने गमले में भी उगाने लगे हैं। यह तलों या पानी के पास नहीं बल्कि ज़मीन में उगता है।
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भारत के अन्य भागों में इसे और भी कई नामों से पुकारा जाता है जैसे-
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हिमाचल में दूधाफूल, कश्मीर में गलगल और उत्तर-पश्चिमी भारत में बरगनडटोगेस।
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साल में एक बार खिलने वाले गुल बकावली को भी कई बार भ्रमवश ब्रह्मकमल मान लिया जाता है।
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ब्रह्म कमल को ससोरिया ओबिलाटा भी कहते हैं। इसका वानस्पतिक नाम एपीथायलम ओक्सीपेटालम है।
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चिकित्सकीय प्रयोग में इस फूल के लगभग 174 फार्मुलेशनस पाए गए हैं।
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वनस्पति विज्ञानियों ने इस दुर्लभ-मादक फूल की 31 प्रजातियां पाई जाती हैं।
उत्तराखंड का राज्य पुष्प है ब्रह्म कमल:-
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ब्रह्म कमल खासकर उत्तराखंड राज्य का पुष्प है। यहां पर इनके पुष्पों की खेती भी होती है।
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उत्तराखंड में यह विशेषतौर पर पिण्डारी से लेकर चिफला, रूपकुंड, हेमकुण्ड, ब्रजगंगा, फूलों की घाटी, केदारनाथ तक पाया जाता है।
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लोग यहीं से इस फूल को लाकर अपने गमले में उगाते हैं।
कैसे उगाएं गमले में ब्रह्म कमल के फूल को?
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ब्रह्म कमल के लिए बड़ा सा मिट्टी का गमला होना चाहिए।
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इस गमले में नीचे सबसे पहले एक कागज बिछाएं।
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उसके उपर बालू रेत बिछाएं और फिर उसके बाद साफ और स्वच्छ काली मिट्टी भरें।
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मिट्टी में अच्छे किस्म की खाद मिलाएं और उसके बाद इस पौधे को रोंप दें।
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इसे पानी न कम और न ज्यादा दें, उचित मात्रा में जल दें और तेज धूप एवं हवा से बचाकर रखें।
ब्रह्म कमल के फायदे:
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शिवजी को ब्रह्म कमल अर्पित करने से वे तुरंत ही प्रसन्न होते हैं। घर में लगे होने से उनका आशीर्वाद मिलता है।
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शिवजी ने ब्रह्म कमल से ही जल छिड़कर गणेशजी जीवित कर दिया था। इसीलिए इसे जीवन देने वाला फूल माना जाता है।
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इसके फूल को जो भी खिलते हुए देख लेता है समझो उसके भाग्य खुल गए।
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मां नंदा को यह ब्रह्म कमल अति पसंद है। इसलिए इसे नंदा अष्टमी से जोड़ा जाता है।
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ब्रह्म कमल के पौधे को घर में लगाने से सुख समृद्धि बनी रहती है।
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इस फूल को भगवान ब्रह्मा का प्रतिरूप भी माना जाता है। उनका आशीर्वाद मिलता है।
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माना जाता है कि इसकी पंखुड़ियों से अमृत की बूंदें टपकती हैं। यह घर में सकारात्मक वातावरण निर्मित करता है।
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इसमें कई औषधीय गुण है। यह थकान मिटाने, सर्दी-जुकाम काली खांसी दूर करने और कैंसर के इलाज में भी लाभदायक है।
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इसके राइज़ोम में एन्टिसेप्टिक होता है जिससे जले-कटे, घाव आदि में इसका उपयोग करते हैं।
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पशुओं को मूत्र संबंधी विकार को दूर करने के लिए इसके फूल को जौ के आटे में मिलाकर उन्हें पिलाते हैं।
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गर्म कपड़ों में डालकर रखने से यह कपड़ों में कीड़ों को नहीं लगने देता है।
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हड्डी के दर्द में भी इसका उपयोग करते हैं।
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कहते हैं कि भोटिया जनजाति के लोग गांव में रोग-व्याधि न हो, इसके लिए इस पुष्प को घर के दरवाजों पर लटका देते हैं।
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लिवर और नर्वस सिस्टम के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।