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Ujjain mahakal sawari: उज्जैन में महाकाल बाबा की शाही सवारी, जानें कब निकलेगी क्या है रूट

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हमें फॉलो करें Ujjain Mahakal shahi sawari
, सोमवार, 11 सितम्बर 2023 (12:19 IST)
Ujjain Mahakal sawari 2023: उज्जैन में महाकाल बाबा की इस बार श्रावण माह में 8 सवारी निकल चुकी है भादो की 2 में से एक 4 सितंबर को निकली थी और अब 11 सितंबर को अंतिम शाही सवारी निकल रही है। हर बार बाबा अलग अलग स्वरूप में पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण करते हैं। इस बार 10 स्वरूपों में करेंगे बाबा भ्रमण।
 
बाबा महाकाल की 10वीं सवारी : सावन के 10वें सोमवार के दिन और एक बार फिर से महाकाल की नगरी उज्जैन में महाकाल बाबा की सवारी निकाली जाएगी। इस शाही सवारी में महाकाल बाबा अपने सभी 10 स्वरूप में एक साथ निकलकर भक्तों को दर्शन देंगे। इस दौरान रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री घटाटोप मुखोटा, रथ पर श्री जटाशंकर, श्री रुद्रेश्वर स्वरूप, श्री चन्द्रशेखर स्वरुप व दसवीं सवारी में श्री सप्तधान का मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।
Ujjain Mahakal shahi sawari
mahakal sawan sawari
दर्शन के लिए सुविधा : दर्शन का ये क्रम लगातार 20 घंटे तक चलेगा और 5 लाख से ज्यादा भक्तों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। भक्तों की भीड़ के बढ़ने को लेकर व्यवस्था भी बढ़ाई गई है। 250 रुपए की टिकट बुकिंग कर आने वाले श्रद्धालुओं से लेकर, नियमित दर्शनार्थी, कांवड़ यात्री, वीआईपी, वीवीआईपी, हरिओम जल समेत सभी के लिए अलग अलग दर्शन व्यवस्था है। दावा है कि 40 मिनट में बिना परेशानी के सभी भक्तों को महाकाल के दर्शन होंगे।
 
सवारी परंपरागत मार्ग : परंपरा के मुताबिक दोपहर 3:30 बजे महाकाल सभा मंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन अर्चन किया जाएगा और इसके बाद सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बलों की टुकड़ी बाबा को गार्ड ऑफ ऑनर देगी।  महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुज कोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

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