* ग्रहण में करने योग्य कार्य :
ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले बैठ जाते हैं अर्थात सूतक लग जाता है, अत: भगवत भजन व जाप सिद्धि करना चाहिए। ग्रहण काल में मंत्र सिद्धि, जाप के साथ ही हवन भी कर सकते हैं।
* ग्रहण काल में क्या न करें :
ग्रहण काल में शयन, मूर्ति स्पर्श व अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए।
* किस-किस को छूट रहती है :
बालक, वृद्ध, मरीज व गर्भवती महिलाएं अन्न ग्रहण कर सकती हैं। यदि हो सके तो ग्रहण के 2 घंटे पहले से भोजन का त्याग कर दें।
* ग्रहण के बाद क्या करें :
ग्रहण समाप्ति के बाद किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि पवित्र नदी में न जा सकें तो किसी, तालाब, बावड़ी, कुआं या जलाशय में स्नान करें। यह भी न हो सके तो घर में स्नान के जल में किसी तीर्थ का जल मिलाकर स्नान करें।
स्नान के बाद कंबल या काली तिल या अन्नदान करें। हो सके तो स्वर्ण व अन्य वस्तुओं का भी दान करें।
* कौन ग्रहण न देखें :
गर्भवती महिलाएं ग्रहण को न देखें एवं अशुभ फल वाले भी ग्रहण को न देखें।
* विशेष :
अशुभ फल फल वाले को अनिष्ट की शांति के लिए हवन, जाप, गौदान व वस्त्रदान करना चाहिए।
अत: यह ग्रहण जहां दिखाई दे, वहीं पर ग्रहण के नियम पालन करें।