Tulsi And Shivling: पत्थर का एक छोटा सा शिवलिंग जो हम किसी पौधे के पास गमले में रखा हुआ देखते हैं। कई बार यह तुलसी के पौधे के पास भी रखा हुआ नजर आ जाता है। मंदिर में यदि तुलसी का पौधा लगा है तो कुछ लोग यहां छोटा सा शिवलिंग रख देते हैं। तुलसी के पौधे के पास शिवलिंग को रखना अच्छा होता है या नहीं।
शिवलिंग : तुलसी के पास भूलकर भी शिवलिंग नहीं रखते हैं। तुलसी पहले वृंदा के रूप में जालंधर की पत्नी थी, जिसका शिवजी ने वध किया था। वृंदा इससे दु:खी होकर बाद में तुलसी का पौधा बन गई थी। इसलिए भगवान शिव को उन्होंने अपने आलौकिक और देवीय गुणों वाले तत्वों से वंचित कर दिया। दूसरा भगवान विष्णु ने तुलसी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया है इसलिए भी शिवलिंग को तुलसी के पास नहीं रखते हैं और शिवलिंग पर तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाते चाहिए।
गणेशमूर्ति : पौराणिक कथा के अनुसार देवी तुलसी ने जब गणपति को देखा तो उन्होंने उनसे शादी का अनुरोध किया। गणेशजी ने इससे इनकार कर दिया। रुष्ठ होकर तुलसी ने गणेशजी को श्राप दिया कि आपकी दो शादियां होंगी। यही कारण है कि तुलसी के पौधे के पास गणेशजी की मूर्ति भी नहीं रखते हैं।
शालिग्राम : तुलसी के पौधे के बाद श्रीहरि का विग्रह रूप शालिग्राम रख सकते हैं। इसके अलावा माता लक्ष्मी की मूर्ति भी रख सकते हैं। श्रीहरि से संबंधित वस्तुओं को रख सकते हैं।