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बरखा की बूंदों में भीगी ये शायरी पढ़ कर दिल हो जाएगा तरोताजा

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हमें फॉलो करें बारिश पर शायरी

WD Feature Desk

, गुरुवार, 15 मई 2025 (16:33 IST)
shayari on barish: भीषण गर्मी के बाद जब मानसून का मौसम आता है, तो हर तरफ खूबसूरती दिखाई देती है। बारिश के मायने हर किसी के लिए अलग होते हैं. किसी के लिए बारिश यादों का संदेश लाती है तो किसी के लिए बारिश कविता की तरह होती है। बारिश के दिनों में रिमझिम फुहारों को देख हर दिल में अरमान उमड़ते हैं।आइये आज बारिश से जुड़ी कुछ ऐसी शायरी पढ़ते हैं जो आपके जबतों की जुबान बन जाएगी। 

 
आज मेरी पूरी हुई ख़्वाहिश
दिल खुश करने वाली हुई बारिश !

उन्हें हम किस तरह ग़ुलाब का फूल दें,
जिसके आने से पहले मानसून ही गुलाबी हो जाए !

बारिश की बूंदों में झलकती है उसकी तस्वीर
आज फिर भीग बैठे है उसे पाने की चाहत में

तेरे प्रेम की बारिश हो, मैं जलमग्न हो जाऊं
तुम घटा बन चली आओ, मैं बादल बन जाऊं !

देखो, फिर आई घटा घनघोर,
बूंदों की पायल बजी है शोर।
धरती की प्यासी रूह भीगी,
मन में उमंगों का उठा है जोर।

ये बारिश की बूँदें जैसे कोई पैगाम लाई हैं,
भीगी हुई यादों की एक महफिल सजाई हैं।

ये बारिश नहीं, ये तो पैगाम है,
किसी अनकहे अहसास का नाम है।
मिट्टी की सौंधी खुशबू में घुली,
हर धड़कन में एक मीठा सा जाम है।

कभी ये रिमझिम सी गुनगुनाती है,
कभी तूफानों का मंज़र दिखाती है।
भीगी हुई राहों पर यादों के साए,
गुज़रे हुए लम्हों की तस्वीर बनाती है।

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था !

किसी की यादों की ये झड़ी है,
किसी के इंतज़ार की ये घड़ी है।
भीगी पलकों में छुपी है कहानी,
न कहे लबों की ये अनकही पड़ी है।

ये बारिश सिखाती है जीना हर हाल में,
कभी धूप, कभी छांव है इस चाल में।
धुल जाते हैं गमों के सारे निशां,
एक नई उम्मीद जगती है हर साल में।

देखो, फिर भीगी है ये कायनात सारी,
हर जर्रे में है अब खुमारी।
आओ मिलकर भीग लें इस मौसम में,
शायद मिल जाए कोई भूली हुई यारी।

ये बारिश तो शायरों की जान है,
हर लफ्ज़ में बसी इसकी शान है।
कागज़ पे उतरती है जब ये रवानी,
बन जाती है एक खूबसूरत दास्तान है।

बादलों का गरजना, बिजली का चमकना,
जैसे दिल में छुपी कोई अनकही कहानी का फड़कना।

मिट्टी की सौंधी खुशबू और हवा में नमी,
जैसे प्रकृति लिख रही हो कोई प्रेम भरी नज़्म।

भीगी सड़कों पर अकेले चलना,
जैसे खुद से ही कोई गहरा संवाद करना।

ये बूंदें नहीं, ये तो हैं जीवन के मोती,
हर एक कतरा जैसे एक नई कहानी कहती।


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