हिन्दी कविता : अधूरा सा

सुशील कुमार शर्मा
सोमवार, 23 दिसंबर 2024 (15:38 IST)
मैंने कुछ लिखा
उस लिखे को फिर पढ़ा
उसके भाव को तौला
फिर लगा कुछ अधूरा है
फिर कुछ जोड़ तोड़
अर्थों को दिया मोड़
सिर से पैताने तक
कहीं नहीं था
शब्दों और भावों का मेल
ऊंघते शब्द
जम्हातें भाव
शायद कुछ अंदर ही अधूरा था
तो लिखा पूरा कैसे होता।

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

टैनिंग और सनबर्न से हैं परेशान? इस रिफ्रेशिंग होममेड फेस पैक से पाएं तुरंत राहत

होली खेलने का है शौक लेकिन बालों की है चिंता तो अपनाएं ये हेअर केअर टिप्स, रंगों से नहीं होंगे बाल खराब

डायबिटीज की परेशानी बढ़ा सकते हैं सुबह के ये नाश्ते, कहीं आप तो अनजाने में नहीं खा रहे

तुलसी से बनाएं ये 4 आसान फेस पैक, घर पर मिलेगा सैलून जैसा निखार

होली पर बनाएं ये मजेदार कुरकुरा स्नैक्स, अभी नोट करें रेसिपी

सभी देखें

नवीनतम

महिलाओं के लिए टॉनिक से कम नहीं है हनुमान फल, जानिए इसके सेवन के लाभ

चुकंदर वाली छाछ पीने से सेहत को मिलते हैं ये अद्भुत फायदे, जानिए कैसे बनती है ये स्वादिष्ट छाछ

मुलेठी चबाने से शरीर को मिलते हैं ये 3 गजब के फायदे, जानकर रह जाएंगे दंग

महिला दिवस पर कविता : स्‍त्री और आग

Holi Special Recipe: होली स्पेशल रसभरी गुजिया कैसे बनाएं, जानें सरल रेसिपी

अगला लेख
More