Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

दशहरे पर कविता : मेरे जैसा वीर कोई नहीं था

हमें फॉलो करें दशहरे पर कविता : मेरे जैसा वीर कोई नहीं था
webdunia

सुशील कुमार शर्मा

Ram N Ravan
 
मैं रावण हूं!
 
सर्वकालिक महान विद्वान
प्रकांड पंडित भविष्यवेत्ता
महान वैज्ञानिक
तीनों लोकों में मेरे जैसा वीर कोई नहीं था। 
 
मेरा व्यक्तित्व न भूतो न भविष्यति है
रावण जैसा न कोई हुआ
रावण जैसा न कोई होगा।
 
एक लाख पूत सवा लाख नाती
से भरे परिवार का मुखिया था मैं
सोने की लंका का अधीश्वर
सहस्र विद्याओं का ज्ञाता।
 
साक्षात शिव जिसके घर विराजते थे
मंदोदरी जैसी सती का पति
मेघनाथ जैसे बलवीर्य पराक्रमी का पिता था मैं
कुंभकर्ण जैसे अपरिमित शक्तिशाली का अग्रज था
राजनीति की परिभाषा मुझसे ही शुरू होती थी
राम का शौर्य और साहस मेरे सामने नगण्य था।
 
आज मुझे चौराहों पर अपमानित करके इसलिए जलाया जाता है,
क्योंकि मैंने मर्यादाओं का उल्लंघन किया था
मदमस्त होकर स्त्री-चरित्र की हत्या करनी चाही
जगत-जननी सीता को अपमानित किया
अपने अहंकार में दूसरे की स्त्री का हरण किया। 
 
आज मैं मनुष्य के अंतरमन में विहित दुर्गुणों का प्रतीक बन गया
सिर्फ चरित्रहीनता के कारण संपूर्ण कुल के विनाश का कारण बना
मेरे विनाश की गाथा से आपको सबक लेना चाहिए कि 
आप भले ही कितने शक्तिशाली क्यों न हो
अगर आप चरित्र और सत्य पर आधारित नहीं हैं
तो आपको चौराहों पर ऐसे ही जलील होना होगा
मेरे जलते हुए पुतलों की तरह...!
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नवरात्रि और कोरोना: बंधन है तो क्या हुआ, मन का उत्सव मना लीजिए