लता तुमसे रंग लौटते हैं संसार में, बीते हुए की उंगली पकड़कर धीरे-धीरे

Webdunia
डॉ. श्रीकांत पांडेय 
 
लता, तुम्हारे झिंझोड़ने से उठती है हर हिन्दुस्तानी सुबह
तुम्हारी थपकी से पांव पसारती है टूटती हुई दुपहरी
तुम्हारे सुरों से संवरती है बलखाती इठलाती शाम
तुम्हारी आश्वस्ति से नींद पाती है दिनभर कमाई थकान।
 
सर्द हवाएं ओढ़ती हैं तुम्हारे गीत चुन्नी और दुशाले की तरह
तुम्हारी लोरियों की छांव में सुस्ताती है धूप अपना अंगूठा मुंह में लिए
स्वरों की तुम्हारी ओट लेकर बारिश निचोड़ती है अपना पल्लू
कुछ यूं महकती हो तुम किसी खुशगवार मौसम की तरह।
 
संवरती है पूजा तुमसे, बढ़ती है तुमसे प्यास
तुम्हें देखकर आंखें मलता है उनींदा सूरज
तुमसे पूछकर डूबती है क्षितिज पर शाम
तुम्हें सुनकर उम्र पाते हैं बुझ रहे रिश्ते
 
और बिखर-बिखर जाते हैं सत्ता व दंभ के सूखे पत्ते।
रात की चुहल से तंग नक्षत्र उतरते हैं आकाश से सुनने तुम्हें
तुम हो तो बची हैं सुर्खियां, बचे हैं जयगीत
बचा है समय को अनसुना करने का नटखटपन भी।
 
लता तुम हो तो रंग लौटते हैं संसार में
बीते हुए की उंगली पकड़कर धीरे-धीरे। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज क्या है? कब शुरू हुआ और किसे मिलता है? जानिए कौन रहे अब तक के प्रमुख विजेता

स्किन से लेकर डाइबिटीज और बॉडी डिटॉक्स तक, एक कटोरी लीची में छुपे ये 10 न्यूट्रिएंट्स हैं फायदेमंद

ये हैं 'त' अक्षर से आपके बेटे के लिए आकर्षक नाम, अर्थ भी हैं खास

अष्टांग योग: आंतरिक शांति और समग्र स्वास्थ्य की कुंजी, जानिए महत्व

पर्यावरणीय नैतिकता और आपदा पर आधारित लघु कथा : अंतिम बीज

सभी देखें

नवीनतम

अल्जाइमर समेत इन 6 बीमारियों के लिए सबसे असरदार है मेडिटेशन

बच्चों के नाम रखते समय भूल कर भी न करें ये गलतियां, जानिए नामकरण में किन बातों का रखना चाहिए ध्यान

कांस में ऐश्वर्या ने मांग में सजाया सिन्दूर, दुनिया को दिया देश की संस्कृति और ताकत का संदेश

शक्कर छोड़ने के पहले जान लें वो 8 जरूरी बातें जो आपको पहले से पता होनी चाहिए

Operation Sindoor पर भाषण: सिन्दूर का बदला खून, अदम्य साहस और अटूट संकल्प की महागाथा

अगला लेख